लेट ट्रेनों को लेकर रेलवे ने जारी किया बड़ा बयान, टिकट बुक करने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर
ट्रेनों के लेट होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेलवे की मानें तो ये समस्या अगले कुछ महीनों में भी नहीं हल होने वाली है। रेलवे का कहना है कि ट्रैक के नवीकरण और मानव रहित क्रॉसिंग को हटाने के कारण अगले सात-आठ महीनों तक ट्रेनों में देरी होती रहेगी।
नई दिल्ली। ट्रेनों के लेट होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेलवे की मानें तो ये समस्या अगले कुछ महीनों में भी नहीं हल होने वाली है। रेलवे का कहना है कि ट्रैक के नवीकरण और मानव रहित क्रॉसिंग को हटाने के कारण अगले सात-आठ महीनों तक ट्रेनों में देरी होती रहेगी।
नवीनीकरण के कारण होगी देरी
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि विशाल नेटवर्क का रखरखाव उनकी शीर्ष प्राथमिकता रहेगी, क्योंकि राज्य संचालित ट्रांसपोर्टर ने असुरक्षित स्थितियों में ट्रेनों नहीं चलाने का फैसला लिया है। रेलवे बोर्ड के सदस्य एम जमशेद ने कहा कि 2017-18 में करीब 5,000 किलोमीटर के ट्रैक का नवीनीकरण किया गया है और चालू वित्त वर्ष में लगभग 4,000 किलोमीटर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम चल रहा था।
दशकों की लापरवाही से पैदा हुई ये हालत?
एक दूसरे अधिकारी ने ट्रेनों के लेट होने पर कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि साथ में बाकी काम भी चल रहा है। उन्होंने कहा, 'पंक्चुएलिटी इसलिए प्रभावित हो रही है क्योंकि एक ही समय में बुनियादी ढांचे का निर्माण भी हो रहा है।' अधिकारी ने आगे पुरानी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, 'दशकों की लापरवाही और पर्याप्त व्यवस्थाओं के बिना राजनीतिक दबाव में नई ट्रेनों की घोषणा के कारण आज ये स्थिति पैदा हुई है।'
पिछला वित्त वर्ष रहा सबसे खराब
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वित्त वर्ष में ट्रेनों की हालत सबसे खराब रही। साल 2017-18 वित्त वर्ष की बात करें तो करीब 30 प्रतिशत ट्रेनें इस दौरान देरी से चलीं। ट्रेनों में देरी की समस्या से भले ही इतनी जल्दी निजात न मिले, लेकिन रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए दूसरी स्कीम निकाली हैं। रेलवे कंफर्म टिकट देने से लिए विकल्प स्कीम लेकर आई है, जिससे यात्रियों को दूसरी ट्रेन में टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
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