उत्तराखंड फर्जी मुठभेड़ में 17 पुलिसकर्मी दोषी, पुलिस पर लगा सुबूत मिटाने का आरोप
रणवीर फर्जी एनकाउंटर मामला:
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन का निवासी रणवीर एमबीए की पढ़ाई पढ़ रहा था। उसी दौरान 2 जुलाई वर्ष 2007 में रणवीर अपने एक मित्र के साथ उत्तराखंड घूमने के लिए गया हुआ था। इस दौरान रणवीर की कहा-सुनी एक पुलिसकर्मी से हो गई। कहा-सुनी के कुछ घंटों बाद पुलिस की एक टीम ने रणवीर को एक बड़ा बदमाश बताते हुए देहरादून में डालनवाला थाना क्षेत्र के लाडपुर के जंगल में फर्जी एनकाउंटर कर मार गिराया।पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर वाहवाही बटोरी और रणवीर के शव के पास से रिवॉल्वर और देसी तमंचा बरामद दिखाया। घटना के बाद रणवीर के पिता रविंद्र सिंह ने एनकाउंटर को झूठा बताते हुए इसकी जांच की मांग की।
जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि उत्तराखंड पुलिस ने खुन्नस निकालने के लिए रणवीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया था। एमबीए छात्र के शरीर पर 29 गोलियों के निशान पाए गए थे, जिनमें 17 बेहद करीब से मारी गई थी। मामले में 18 पुलिसकर्मी आरोपी पाए गए। सभी आरोपी जेल में बंद हैं।
फर्जी
मुठभेड़
में
आरोपी
पुलिसकर्मियों
के
नाम:
1.
नितिन
चौहान
-
सब
इंस्पेक्टर
2.
जेडी
भट्ट-
सब
इंस्पेक्टर
3.
संतोष
कुमार
जायसवाल
-
सब
इंस्पेक्टर
4.
नीरज
कुमार
-
सब
इंस्पेक्टर
5.
चंद्रमोहन
सिंह
रावत
-
सब
इंस्पेक्टर
6.
राजेश
बिष्ट
-
सब
इंस्पेक्टर
7.
जीत
सिंह
-
कांस्टेबल
8.
सतवीर
सिंह
-
कांस्टेबल
9.
नागेंद्र
राठी
-
कांस्टेबल
10.
सुनील
सैनी
-
कांस्टेबल
11.
चंद्रपाल
-
कांस्टेबल
(एसओजी)
12.
सौरभ
नौटियाल
-
कांस्टेबल
(एसओजी)
13.
विकास
चंद्र
बलौनी
-
कांस्टेबल
14.
संजय
रावत
-
कांस्टेबल
15.
जसपाल
सिंह
गौसाई
-
हेड
ऑपरेटर
16.
मनोज
कुमार
-
कांस्टेबल
17.
मोहन
चंद
राणा
-
ड्राइवर
18.
इंद्रभान
सिंह
-
कांस्टेबल