रूस की यात्रा से ठीक पहले रक्षा मंक्षी राजनाथ सिंह ने CDS और तीनों सेना प्रमुखों के साथ की बैठक
नई दिल्ली। भारत-चीन में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने सीमा पर गतिविधियां तेज कर दी है। इस बीच केंद्र सरकार ने भी सेना को चीन के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई की खुली छूट देने के बाद घातक हथियार और गोलाबारूद खरीदने के लिए इमरजेंसी फंड भी जारी कर दिया है। सीमा पर बढ़ रहे तनाव को लेकर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथी सिंह लगातार सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं। रविवार को रूस की यात्रा पर जाने से पहले भी उन्होंने शीर्ष सैन्य अधिकारियों का साथ एक बैठक में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा स्थिति की समीक्षा की।

बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में 24 जून को होने वाली एक भव्य सैन्य परेड में भाग लेने के लिए सोमवार को रूस यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विजय परेड के लिए आमंत्रित किया था। रूस जाने से ठीक पहले रक्षा मंत्री ने लद्दाख में सीम पर सैन्य गतिविधियों की समीक्षा की है। रविवार को हुई इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाना, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल वीकेएस भदौरिया शामिल हुए थे।
सुरक्षाबलों को इमरजेंसी फंड जारी
बता दें कि चीन को सबक सीखाने के लिए अब भारत सरकार ने कमर कस ली है। सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं (जल, थल, नभ) को घातक हथियार और गोला-बारूद की खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये के आपात फंड को मंजूरी दी है। इस आदेश के बाद तीनों सेना अपनी जरूरत के हिसाब से 500 करोड़ रुपये तक के घातक हथियार और गोला बारूद खरीद सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के साथ लगने वाली सीमा पर तैनात सैनिकों की जरूरत को देखते हुए भी यह फैसला लिया गया है।