भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, जल्द होगी नए एयर डिफेंस कमांड की घोषणा
नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद तनाव के बीच भारत सरकार देश की सुरक्षा को लेकर एक अहम फैसला लेने जा रही है। सैन्य मामलों के विभाग ने सशस्त्र बलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज में अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में भारतीय वायु सेना के तहत नई एयर डिफेंस कमांड स्थापित की जा सकती है। वायु सेना अधिकारी के निर्देशन में कमांड की संरचना तैयार करने के लिए काम तेज कर दिया गया है।
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सीएसडी की अगुवाई में मिलिट्री अफेयर्स डिपार्टमेंट होगा
इस संबंध में भारतीय वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने एक अध्ययन किया था जिसमें तीनों सेवाओं की परिसंपत्तियों के साथ प्रस्तावित कमांड की संरचना का भी सुझाव दिया गया है। सीएसडी की अगुवाई में मिलिट्री अफेयर्स डिपार्टमेंट ने इसके लिए ज्वाइंट मिलिट्री, थियेटर कमांड बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भी लॉजिटिक्स कमांड और अन्य मुद्दों पर बात जारी है।
संयुक्त समुद्री कमांड का भी हो सकता है गठन
वायु रक्षा कमान का गठन भारतीय वायुसेना के मध्य कमान मुख्यालय के साथ किया जाना प्रस्तावित है, जो आगरा, ग्वालियर और बरेली सहित महत्वपूर्ण हवाई अड्डों को नियंत्रित करता है। इसका उद्देश्य तीनो सेनाओं के संसाधनों को एक कमांड के तहत संयोजित करना है। इसके अलावा सीडीएस संयुक्त समुद्री कमांड के निर्माण पर भी काम कर रहा है जो केरल के कोच्चि या कर्नाटक के करवार में आएगा।
नए कमांड में थ्री-स्टार स्तर पर कोई अतिरिक्त पद नहीं बनाया जाएगा
प्रत्येक सेना का अपना खुद का एयर डिफेंस सेट-अप है। एयर डिफेंस कमांड, वायु सेना, थल ससेना और नौसेना की वायु रक्षा परिसंपत्तियों को एकीकृत करेगा और संयुक्त रूप से देश के एयर स्पेस को कवर प्रदान करेगा। सीडीएस ने सशस्त्र बलों को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी नए कमांड को मेनटेन करने के लिए थ्री-स्टार स्तर पर कोई अतिरिक्त पद नहीं बनाया जाएगा। इस बीच, देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए, इज़राइल और रूस से दो नए PHALCON एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम के अधिग्रहण का प्रस्ताव सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी के पास पहुँच गया है। यह डील 1 अरब डॉलर की होगी।
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