इंडियन आर्मी को मिलेंगे 10 लाख नए मल्टीमोड हैंडग्रेनेड, जानिए क्या है इसकी खासियत
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने आज भारतीय सेना को 10 लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड की आपूर्ति के लिए इकनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (EEL), (सोलर ग्रुप) नागपुर के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा लगभग 409 करोड़ रुपए का है।
Recommended Video
मारने और शॉक देने के लिए, दोनों तरह से इस्तेमाल हो सकेंगे ग्रेनेड
नए 10 लाख हैंडग्रेनेड मल्टीमोड हैंडग्रेनेड होंगे। इनका इस्तेमाल बस शॉक करने के लिए और घातक हथियार दोनों तरह से किया जा सकेगा। हैंडग्रेनेड में एक कवर होगा जिसके साथ हैंडग्रेनेड जानलेवा बनेगा। यानी इसका इस्तेमाल दुश्मन के खात्मे के लिए किया जा सकेगा। बिना कवर के यह हैंडग्रेनेड नॉनलीथल होगा यानी घातक नहीं होगा।
इसका इस्तेमाल उस परिस्थिति में किया जा सकता है जब सैनिकों को किसी संदिग्ध जगह पर घुसना है और वहां मौजूद लोगों को बस एक गैरघातक ब्लास्ट से चौंकाना है। फौज में हर राइफलमैन अपने साथ दो ग्रेनेड रखता है। अभी तक जो ग्रेनेड इस्तेमाल हो रहे हैं उनमें काफी शिकायतें आ रही हैं।
NCRB के आंकड़ों में खुलासा: साल 2019 में SC-ST के खिलाफ अपराध में हुई बढ़ोत्तरी
हालांकि मौजूदा ग्रेनेड को हैंडग्रेनेड और राइफल ग्रेनेड, दोनों तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन जो नए 10 लाख ग्रेनेड मिल रहे हैं वे मल्टी मोड तो हैं लेकिन वे हैंडग्रेनेड की तरह ही इस्तेमाल हो सकेंगे। भारतीय सेना को राइफल ग्रेनेड की भी जरूरत है और नए राइफल ग्रेनेड की खोज अभी जारी है।