2017 से लेकर लद्दाख में चीनी घुसपैठ तक वाली रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटाई गई
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से साल 2017 से लेकर अब तक की हर मासिक रिपोर्ट को डिलीट कर दिया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मंत्रालय की वेबसाइट से वह रिपोर्ट भी डिलीट कर दी गई है जिसमें लद्दाख में चीन की एकतरफा आक्रामकता की बात स्वीकारी गई थी। इसके अलावा जून 2017 में हुए डोकलाम संकट की रिपोर्ट भी वेबसाइट से हटा ली गई है। अखबार ने जब मंत्रालय से इस बाबत जवाब मांगा तो कोई टिप्पणी नहीं की गई। लेकिन सूत्रों के हवाले से अखबार को बताया गया है कि अक्टूबर तक सभी रिपोर्ट्स वेबसाइट पर वापस आ जाएंगी।
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क्या कहा रक्षा मंत्रालय ने
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि इन रिपोर्ट्स को तैयार और इन्हें साझा करने वाले इंटरनल सिस्टम यानी आंतरिक तंत्र को साफ किया जा रहा है। इसका मकसद आने वाले समय में रिपोर्ट्स को और विस्तृत बनाना है जिससे उन्हें सिर्फ मंत्रालय के हर भाग से मिले अपडेट्स तक ही सीमित रखा जाए। बताया गया है कि हर रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले सीनियर ऑफिसर से होकर गुजरती है। रक्षा मंत्रालय की इन रिपोर्ट्स में सेनाओं के बड़े ऑपरेशंस जैसे 26 फरवरी 2019 को हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक से लेकर, 27 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के राजौरी में भारत-पाकिस्तान की वायुसेनाओं के बीच हुई डॉग फाइट से लेकर डोकलाम में सैनिकों की तैनाती, जैसे बड़े ऑपरेशंस का जिक्र नहीं था। मंत्रालय सूत्रों की तरफ से कहा गया है कि रिपोर्ट्स जल्द ही वेबसाइट पर वापस आ जाएंगी। इससे पहले छह अगस्त को यानी लद्दाख में भारत-चीन के बीच टकराव शुरू होने के तीन माह बाद जो डॉक्यूमेंट अपलोड किया गया था, उसे डिलीट करने के दो दिन बाद अपलोड कर दिया गया था। इस डॉक्यूमेंट में भारत सरकार ने पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ की बात स्वीकारी थी।
चीन की घुसपैठ पर क्या थी रिपोर्ट
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक 'लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर लगातार चीन की आक्रामकता बढ़ती जा रही है और 5 मई 2020 से गलवान घाटी में खासतौर पर इसमें इजाफा हुआ है। चीन की तरफ से कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर 17 और 18 मई को घुसपैठ की गई थी।' ये डॉक्यूमेंट्स 'चाइनीज एग्रेशन ऑन एलएसी' के टाइटल के साथ वेबसाइट पर मौजूद थे। वेबसाइट की व्हाट्स न्यू सेक्शन में इन्हें देखा जा सकता था। इन डॉक्यूमेंट्स में कहा गया था कि चीन के साथ लगातार बातचीत जारी है ताकि दोनों तरफ स्थिति को सामान्य किया जा सके। कोर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग भी इसी सिलसिले में छह जून को हुई। अगस्त 2019 से लेकर अब तक इइन रिपोर्ट्स में चार बार चीन का जिक्र किया गया था। इनमें 13-14 अगस्त 2019 को भारत-चीन के बीच ज्वॉइन्ट वर्किंग ग्रुप की मीटिंग के अलावा 7 से 20 दिसंबर 2019 तक मेघालय के उमरोई कैंट में हुई 'हैंड-इन-हैंड' एक्सरसाइज, पांच फरवरी 2020 को जिसांगवेई-Il जो कि एक चीनी वॉरशिप है, उसका पाकिस्तान की सीमा में नजर आना और मार्च 2020 में अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबासिरी जिले में 451 गांवों की कनेक्टिविटी को तय करने के लिए बीआरओ की तरफ से बेली ब्रिज के निर्माण का जिक्र किया था। ये सभी गांव चीन बॉर्डर के करीब हैं।