Dussehra 2019: राफेल की क्यों होगी 'शस्त्र पूजा', क्या है इसका महत्व?
नई दिल्ली। 'आयुध पूजा' नवरात्रि का एक अभिन्न अंग है, इस पूजा से मतलब अस्त्र-शस्त्र पूजन से है, भारत में नवरात्रि के अंतिम दिन अस्त्र पूजन की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है, सेना भी आज के दिन अपने शस्त्रों की पूजा करती है, इसी उपलक्ष्य में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बार फ्रांस में शस्त्र पूजा करेंगे क्योंकि वह फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान लाने जा रहे हैं।
सेना भी करती है शस्त्र पूजा
बता दें कि दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर दानव को मार गिराया था।
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'विजयादशमी'
इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है, इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं,ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय जरूर मिलती है।
रण-यात्रा से पहले होती थी पूजा
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे, इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए या दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है।
खुशी, उल्लास और वीरता का मानक है 'दशहरा'
भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है, दशहरा देश के कोने-कोने में यह विभिन्न रूपों से मनाया जाता है, ये खुशी, उल्लास और वीरता का मानक है।
Mérignac(France): Defence Minister Rajnath Singh to take a sortie in the Rafale combat aircraft, shortly pic.twitter.com/jS9mhYbYtQ
— ANI (@ANI) October 8, 2019