रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- घरेलू मांग पूरी होने से ही निर्यात को मिलेगा बल
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आज डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी) के चार MoU और चार कन्ट्रैक्ट साइन किए गए हैं। इससे घरेलू मांग तो पूरी होगी ही साथ ही निर्यात के लिए भी उत्पादन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा विनिर्माण से संबंधित प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। आपको बता दें रक्षा मंत्री ने आज 'आत्मनिर्भरता सप्ताह' के हिस्से के रूप में 'मेक इन इंडिया के लिए अवसर' नामक एक पोर्टल भी लॉन्च किया है। इस दौरान उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहे।
Recommended Video
उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों से लगातार विभिन्न फैसिलिटी के लॉन्च, उनके अपग्रेडेशन और तरह-तरह के MoUs साइन हो रहे हैं। 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर स्वयं आगे बढ़ता, और दूसरों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता यह सप्ताह अपने आप में अनोखा और अभूतपूर्व है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में हमारी कितनी स्वाधीनता है? क्या उस राष्ट्र को पूरा स्वतंत्र कहा जा सकता है, जो आज भी अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है? और दूसरों पर निर्भरता क्या एक सच्चे और मजबूत लोकतंत्र के अनुकूल है? आज हमें आत्मनिर्भरता के संकल्प की जरूरत है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि, आज का दिन, 'आत्मनिर्भरता सप्ताह' के समापन का दिन नहीं है, बल्कि 'आत्मनिर्भरता के एक नए युग' की शुरुआत का दिन है। जब हम अपनी स्वाधीनता के 73 बरस पूरे कर रहे हैं, तो हमें इतिहास को देखने, और उससे सीख लेते हुए भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचने की भी जरूरत है। हमें ध्यान रखना है, किसी भी बड़े बदलाव के लिए हमारे द्वारा उठाया गया कदम भले ही छोटा क्यों न हो, पर उसका महत्त्व हमेशा रहता है जो लंबे समय तक इतिहास में दर्ज रहता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि 'स्वतंत्रता' महज एक सिद्धांत न होकर हमारा व्यवहार हो, हमारी आदत हो। 'स्वतंत्रता' को हम बस पढ़ें और सुनें नहीं बल्कि उसे जीएं, उसे महसूस करे। और यह तभी संभव होगा जब हम स्वयं अपनी सुरक्षा करने में सक्षम होंगे। इस बार बहुत सोच-समझकर 'स्वतंत्रता दिवस' की थीम 'आत्मनिर्भर भारत' रखी गई है, जो हमारे इन्हीं संकल्पों और उद्देश्यों को दोहराती है।
राजनाथ
सिंह
बोले-राष्ट्र
के
विकास
के
लिए
सुरक्षा
पहली
प्राथमिकता