DAC मीटिंग में मिली अमेरिका से सेना के लिए असॉल्ट राइफलों की मंजूरी, 720 करोड़ होगी कीमत
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को साउथ ब्लॉक में हुई मीटिंग में नई रक्षा खरीद प्रक्रिया को जारी किया। इस प्रक्रिया को रक्षा खरीद परिषद (DAC) की मीटिंग में जारी किया गया है। रक्षा मंत्री के साथ इस मीटिंग में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, भारतीय वायुसेना एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी शामिल थे।
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सेना के लिए खरीदी जाएगी असॉल्ट राइफलें
इस नई खरीद नीति के तहत आने वाले पांच सालों के अंदर भारतीय सेनाएं 2290 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। सोमवार को हुई मीटिंग में डीएसी की तरफ से सेना के लिए 72 हजार अतिरिक्त अमेरिकी सिंगसॉर असॉल्ट राइफल खरीदने को मंजूरी दे दी है। ये आधुनिक असॉल्ट राइफल हैं और इन पर करीब 780 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसका 16 इंच का बैरल है और कैलिबर 7.22 एमएम है। सोमवार को 970 करोड़ की लागत से एंटी-एयरफील्ड हथियार और सेना और वायुसेना के लिए 540 करोड़ की लागत से हाई-फ्रिक्वेंसी रेडियो सेट खरीद को भी मंजूरी मिली है। रक्षा मंत्री ने जिस नई खरीद नीति को मंजूरी दी गई है, उसके तहत मुताबिक इंटर गवर्नमेंटल एंग्रीमेंट और, गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट एग्रीमेंट के साथ ही सिंगल वेंडर होने पर ऑफसेट लागू नहीं होगा।
चीन के साथ LAC के पर टकराव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑफसेट दिशा-निर्देशों को भी संशोधित किया गया है, जिसमें घटकों पर पूर्ण रक्षा उत्पादों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी और विभिन्न मल्टीप्लायरों को ऑफसेट के निर्वहन में प्रोत्साहन देने के लिए जोड़ा गया है। इस मीटिंग से पहले रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड के देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में अंडरपास की नींव रखी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम को पूरा किया गया। मीटिंग ऐसे समय में हुई है चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ टकराव जारी है। रक्षा मंत्री ने हाल ही में मॉनसून सत्र के दौरान कहा था कि लद्दाख में 38,000 स्क्वॉयर किलीमीटर की जमीन पर चीन का कब्जा है। साथ ही सन् 1963 में चीन के साथ सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने गैर-कानूनी तरीके से 5,180 स्क्वॉयर किलोमीटर की जमीन उसे सौंप दी थी।