रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया बॉर्डर के करीब बने 44 पुलों का उद्घाटन, BRO ने किए हैं तैयार
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की तरफ से निर्मित 44 पुलों का उद्घाटन किया है। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे। पहले इस कार्यक्रम को 24 सितंबर को होना था लेकिन रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के कोरोना वायरस से निधन के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। 23 सितंबर को सुरेश अंगड़ी का निधन हो गया था। सरकार की तरफ से रेल राज्य मंत्री के निधन के बाद एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया गया था।
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तवांग में सुरंग की नींव
रक्षा मंत्री राजनाथ ने आज चीन बॉर्डर के करीब अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए निचिफू टनल की आधारशिला भी रखी है। जिन पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया है वे सभी चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के बीच संपर्क बढ़ाने का काम करने वाले हैं। रक्षा मंत्री ने इस उद्घाटन के मौके पर कहा, हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से भी आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान, और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7,000 किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है।' रक्षा मंत्री ने बताया कि इन पुलों में कई छोटे, तो कई बड़े पुल हैं लेकिन उनकी महत्ता का अंदाजा उनके आकार से नहीं लगाया जा सकता है। शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य आपूर्ति, सेना की सामरिक आवश्यकता हो या अन्य विकास के काम, इन्हें पूरा करने में ऐसे पुलों और सड़कों की समान, और अहम भूमिका होती है। जिन पुलों को तैयार किया गया है वो देश के इन सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बने हैं।
जम्मू-कश्मीर-
10
पुल
लद्दाख-
7
पुल
हिमाचल
प्रदेश
-
2
पुल
पंजाब
-
4
पुल
उत्तराखंड
-
8
पुल
अरुणाचल
प्रदेश
-
8
पुल
सिक्किम
-
4
पुल
चीन के साथ टकराव के बीच बड़ा घटनाक्रम
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी टकराव के बीच निश्चित तौर पर यह एक बड़ा घटनाक्रम है। पिछले कुछ समय में सीमा पर हलचल में तेजी आई है। सेना हाई अलर्ट पर और उत्तर से लेकर पश्चिम तक कहीं भी कोताही नहीं बरती जा रही है। कम समय में सैनिकों, वाहनों और हथियारों को बॉर्डर तक पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कई बार दुर्गम इलाकों से गुजरना होता है, जहां पहाड़ियां, नदी, मौसम की खराबी जैसी मुश्किलों का सामना करना होता है। भारत सरकार पिछले कुछ समय से ऐसे इलाकों पर खासा जोर दे रही है, जो चीन बॉर्डर के करीब हैं। 22 से ज्यादा पुल ऐसे हैं जो चीन बॉर्डर के करीब हैं। यहां पर इनफ्रांस्ट्रक्चर को तेजी से डेवलप किया जा रहा है। इसका मकसद संकट की स्थिति में सेना को जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा मदद तुरंत मुहैया कराना है। इन सभी पुलों की रणनीतिक अहमियत देश की सुरक्षा में काफी ज्यादा है।