रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी हेडक्वार्ट्स के पुर्नगठन को दी मंजूरी, 200 से ज्यादा ऑफिसर्स को फील्ड पोस्टिंग
नई दिल्ली। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी हेडक्वार्ट्स के पुनर्गठन के लिए आए प्रस्तावों को आखिरकार मंजूरी दे दी है। इस नई मंजूरी के साथ हेडक्वार्ट्स पर तैनात 200 से ज्यादा ऑफिसर्स को फील्ड पोस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव का जिक्र पहली बार साल 2018 में हुआ था और फिर इस वर्ष जनवरी में एक मीटिंग में रक्षा मंत्रालय में इस बात पर चर्चा की गई थी। नए प्रस्ताव में एक नई यूनिट का गठन भी होगा जो खासतौर पर हेडक्वार्ट्स पर आने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को देखेगी।
एक नई विजिलेंस सेल
जिन नए प्रस्तावों को मंजूरी मिली है उसके तहत एक विजिलेंस सेल का भी गठन होगा। विजिलेंस सेल में आर्मी के अलावा इंडियन नेवी और वायुसेना के प्रतिनिधि भी होंगे। इस विजिलेंस सेल का मकसद सेना में और ज्यादा पारदर्शिता लाना है। इस सेल का मुखिया एक सीनियर रैंक का ऑफिसर होगा और इसमें बाकी दोनों सेनाओं के ऑफिसर्स को भी प्रमुख की कमान सौंपी जाएगी। इन तीनों ही प्रतिनिधियों की रैंक सेना के कर्नल के बराबर होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद के मुताबिक सेना में सुधार प्रक्रिया के तहत ही इन नए कदमों को उठाया जा रहा है। जिन 206ऑफिसर्स को फील्ड पोस्टिंग में भेजा जाएगा उनमें 186 लेफ्टिनेंट कर्नल, नौ कर्नल, आठ ब्रिगेडियर और तीन मेजर जनरल शामिल हैं। फील्ड पोस्टिंग में आर्मी के नेतृत्व क्षमता में बढ़ोतरी के उद्देश्य से इन ऑफिसर्स को फील्ड पोस्टिंग दी जाएगी।
मेजर जनरल रैंक ऑफिसर करेंगे लीड
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी हेडक्वार्ट्स के पुनर्गठन संबंधी कई फैसलों को मंजूरी दी है। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि एक विस्तृत आंतरिक अध्ययन के आधार पर इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वर्तमान में एक विजिलेंस सेल अपना काम कर रहा है और आर्मी चीफ इसकी अगुवाई करते हैं। इसमें किसी भी तरह से दूसरी एजेंसियों के हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं होती हैं। वहीं, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ (वीसीओएएस) के तहत बनाया गई यूनिट मानवाधिकार से जुड़े मामलों पर नजर रखेगी। विजिलेंस और मानवाधिकार से जुड़ी जो दो नई यूनिट्स होंगी, उन्हें मेजर जनरल रैंक के ऑफिसर हेड करेंगे। नए एडीजी विजिलेंस, आर्मी चीफ को रिपोर्ट करेंगे। वहीं एडीजी, मानवाधिकार वीसीओएएस के साथ काम करेंगे। एडीजी विजिलेंस को नई विजिलेंस इनवेस्टिगेशन यूनिट की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।