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रक्षा मंत्री ने कहा आर्मी ऑफिसर्स से सलाह के बाद आम जनता के लिए खोले गई है कैंट की सड़क

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और टॉप आर्मी ऑफिसर्स से सलाह लेने के बाद ही सरकार ने देशभर में मिलिट्री कैंटोनमेंट्स को आम जनता के लिए खोलने का फैसला लिया था।

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नई दिल्‍ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और टॉप आर्मी ऑफिसर्स से सलाह लेने के बाद ही सरकार ने देशभर में मिलिट्री कैंटोनमेंट्स को आम जनता के लिए खोलने का फैसला लिया था। रक्षा मंत्री ने यह बात उस समय कही जब उनसे देश भर में आर्मी ऑफिसर्स की पत्नियों की ओर से सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक अभियान से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था। मंगलवार को जब वह एक प्रेस कांफ्रेंस में थीं तो उस समय उन्‍होंने यह बात कही।

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कुछ रोड्स को आंशिक तौर पर खोला गया

प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्री ने कहा कुल 850 रोड्स अलग-अलग कैंटोनेमेंट्स में बंद थीं जिसमें से 119 ऐसी थीं जिन्‍हें बिना किसी आधिकारिक प्रक्रिया के बंद किया गया था। अब इन में से ही कुछ रोड को खोल दिया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा पिछले माह यह फैसला किया गया था कि 62 कैंटोनमेंट्स रोड्स को आम जनता के लिए खोला जाए। चार मई को रक्षा मंत्री ने सांसदों, कैंट बोर्ड के अधिकारियों और आर्मी ऑफिसर्स के साथ हुई एक मीटिंग में यह फैसला लिया था। आर्मी ऑफिसर्स और उनके परिवार का एक बड़ा वर्ग सुरक्षा व्‍यवस्‍था का हवाला देते हुए सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। कई वेटरेन और आर्मी ऑफिसर्स की पत्नियों ने इस मुद्दे का विरोध करना शुरू कर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा, '119 रोड्स ब्‍लॉक थीं और इसके पीछे कोई प्रक्रिया नहीं फॉलो की गई थी। इसमें से 80 रोड्स को खोला गया है जबकि 24 अभी बंद हैं। 15 रोड्स को सिर्फ आशिंक तौर पर खोला गया है।' रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्‍होंने आर्मी ऑफिसर्स की पत्नियों से मुलाकात की है और उनकी चिंताओं को जाना है और ज्‍यादातर सुरक्षा से जुड़ी हुई थीं। उन्‍होंने कहा कि वह इसकी सराहना करती हैं।

सरकार को सुरक्षा की चिंता

सीतारमण ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इस फैसले को लेने से पहले चार बार मीटिंग की थी और फिर यह फैसला लिया था। इसके अलावा पांच और मीटिंग्‍स जनरल बिपिन रावत और उप सेना-प्रमुख के साथ इस मुद्दे पर हुई थी। उन्‍होंने कहा कि यह आदेश ट्रैफिक से जुड़े मुद्दे को देखते हुए जारी किया गया था। ऐसी जगहें जहां पर यूनिट लाइंस हैं या फिर सैनिकों के परिवार रहते हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह से सजग है। उन्‍होंने कहा कि अगर सेना इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर सड़क को ब्‍लॉक करने का फैसला लेती है तो उसका स्‍वागत है लेकिन इसके लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। हाल ही में जम्‍मू कश्‍मीर और कुछ और जगहों पर मिलिट्री बेसेज को निशाना बनाया गया है और आर्मी ऑफिसर्स के परिवार वालों का मानना है कि सरकार का फैसला सुरक्षा के खतरे को बढ़ाने वाला है।

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English summary
Defence Minister Nirmala Sitharaman has said that top army officials were consulted before opening cantonment roads.
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