रक्षामंत्रालय देने से पहले पीएम ने निर्मला सीतारमण को दिए ये निर्देश
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर समय 56 इंच का सीना जरूरी नहीं, सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार
नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्वालियर में अपने अल्प प्रवास के दौरान कहा कि देश को बार-बार 56 इंच का सीना दिखाने की जरूरत नहीं है। एलओसी पर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि इन मामलों को हम डील कर रहे हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि सीजफायर के उल्लंघन के कुछ मामले सामने आए हैं और हम इन मामलो को लेकर काफी गंभीर हैं। रक्षामंत्रालय से जुड़ी डील के बारे में उन्होंने कहा कि इसपर काम तेजी से चल रहा है।
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हर बार 56 इंच का सीना जरूरी नहीं
रक्षा
मंत्री
ने
कहा
कि
किसी
भी
स्थिति
से
निपटने
के
लिए
हमारी
सेना
तैयार
है,
हमारी
कोशिश
यही
है
कि
देश
को
किसी
भी
तरह
का
कोई
नुकसान
नहीं
पहुंचे,
युद्ध
की
स्थिति
किसी
भी
हाल
में
नहीं
बने।
उन्होंने
कहा
कि
हमें
बार-बार
56
इंच
का
सीना
दिखाने
की
जरूरत
नहीं
हैं,
अगर
विपरीत
हालात
बनते
हैं
तो
हमारी
सेनाए
उससे
निपटने
के
लिए
तैयार
हैं।
रक्षामंत्री
ने
यह
बयान
ग्वालियर
में
एयरफोर्स
स्टेशन
के
निरीक्षण
के
वक्त
कही।
इस
दौरान
उन्होंने
सुखोई,
मिराज,
मिग-21
और
जगुआर
फाइटर
प्लेन
के
बारे
में
भी
जानकारी
हासिल
की।
फ्रांस से सकारात्मक बात
राफेल
विमान
की
डील
के
बारे
में
बोलते
हुए
रक्षामंत्री
ने
कहा
कि
इस
बाबत
हमारे
पास
फ्रांस
के
रक्षा
मंत्री
का
फोन
बुधवार
को
आया
था,
इस
मुद्दे
पर
हमारी
अच्छी
बात
हुई
है।
भारत
और
फ्रांस
के
बीच
इस
रक्षा
डील
का
काफी
महत्व
है,
यह
डील
अबतक
की
सबसे
बड़ी
राफेल
डील
है।
27
जुलाई
2013
को
फ्रांस
के
रक्षामंत्री
वाय
वेस
ली
ड्रियान
के
नेतृत्व
में
एक
प्रतिनिधि
मंडल
ग्वालियर
आया
था।
पीएम ने दिए हैं अहम निर्देश
ग्वालियर
एयरफोर्स
स्टेशन
में
रक्षामंत्री
ने
लड़ाकू
विमान
मिराज
में
बैठकर
इसे
समझने
की
कोशिश
की।
इस
दौरान
उन्होंने
कहा
कि
पीएम
मोदी
ने
उन्हें
रक्षा
मंत्रालय
का
जिम्मा
एक
खास
निर्देश
के
साथ
दिया
है
कि
वह
तीनों
सेनाओं
के
हर
जवान
की
मुश्किल,
परेशानी
को
समझे
और
उसका
समाधान
करें।
साथ
ही
सैनिकों
को
समान
वेतन,
बेहतर
भोजन
सहित
अन्य
मूलभूत
सुविधाओं
को
मुहैया
कराना
भी
हमारी
प्राथमिकता
है।
इस
बाबत
तमाम
अधिकारियों
के
साथ
मुलाकात
जारी
है
और
इसके
लिए
योजना
बनाई
जा
रही
है।
जल्द आ सकता है राफेल
रक्षा मंत्री ने इस बात का भरोसा जताया है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो फ्रांस के मिराज की ही तरह अगले कुछ दिनों में राफेल विमान भी ग्वालियर के एयरबेस पर मौजूद होगा। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच एमओयू सही रहा तो यह डील हो सकती है। आपको बता दें कि ग्वालियर एयरबेस पर पहले से ही फ्रांस का मिराज 2000 मौजूद है, यह पांचवी पीढ़ि का विमान है।