गगनशक्ति 2018: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिया IAF के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का जायजा
इस समय इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की एक्सरसाइज गगनशक्ति 2018 चल रही है। यह एक्सरसाइज 22 अप्रैल को खत्म होगी। गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस एक्सरसाइज का हिस्सा बनीं और उन्होंने इसका जायजा लिया।
तेजपुर। इस समय इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की एक्सरसाइज गगनशक्ति 2018 चल रही है। यह एक्सरसाइज 22 अप्रैल को खत्म होगी। गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस एक्सरसाइज का हिस्सा बनीं और उन्होंने इसका जायजा लिया। यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है और दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान को इस बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी। एयरफोर्स चीफ एयरमार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ के शब्दों पर अगर यकीन करें तो इंडियन एयरफोर्स ने इस समय आसमान को भी हिलाकर रख दिया है।
छाबुआ एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री सीतारमण गुरुवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित अरुणाचल प्रदेश के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पासीघाट पहुंची थी। यहां पर उन्होंने इंडियन एयरफोर्स की तैयारियों को परखा। इसके बाद सीतारमण असम के डिब्रूगढ़ स्थित छाबुआ एयरफोर्स स्टेशन गईं। छाबुआ में रक्षा मंत्री ने गगनशक्ति का जायजा लिया। रक्षा मंत्री ने इसके बाद ट्वीट किया और लिखा, 'गगनशक्ति अभ्यास का स्तर काफी विशाल है और इस तरह का अभ्यास पहले कभी नहीं हुआ है।' उन्होंने एयरफोर्स चीफ एयर मार्शन बीएस धनोआ की इस एक्सरसाइज के लिए तारीफ की। रक्षा मंत्री ने सुखोई फाइटर जेट्स के अलावा सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर्स पर रॉकेट लोडिंग को भी देखा। रक्षा प्रवक्ता हर्षवर्द्धन पांडे ने इस बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने इसके साथ हही आईएएफ गरुण कमांडो की ड्रिल को देखा। ईस्टर्न सेक्टर के सबसे अहम एयरबेस छाबुआ में रक्षा मंत्री ने पायलट्स से भी बात की।
युद्धाभ्यास में एक हजार से ज्यादा एयरक्राफ्ट
इस एक्सरसाइज में एयरफोर्स के एक हजार से भी ज्यादा एयरक्राफ्ट शामिल हैं और पायलट्स ने अब तक कई हजार सॉर्टीज को अंजाम दे डाला है। एयरमार्शल धनोआ के मुताबिक इस एक्सरसाइज पर पाकिस्तान भी नजर रखे हुए है। उन्होंने इस एक्सरसाइज को 'आसमान हिलाने वाला और जमीन को फाड़ने वाला' करार दिया है। गगनशक्ति एयरफोर्स की सबसे बड़ी एक्सरसाइज है और इस एक्सरसाइज के लिए आईएएफ के जेट्स को वेस्टर्न सेक्टर से ईस्टर्न फ्रंट की ओर रवाना किया गया। 48 घंटे से भी कम समय में ये जेट्स पहुंच गए थे। धनोआ ने जानकारी दी कि इस ड्रिल के लिए 22 अप्रैल तक एयरफोर्स की तरफ से सभी तरह की ट्रेनिंग एक्टिविटीज को सस्पेंड कर दिया गया है। ऐसा सिर्फ युद्ध के समय होता है जब सेनाएं अपनी ट्रेनिंग एक्टिविटीज को कुछ समय के लिए रोक देती है।
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