हमनें 'फिदायिनों' के केंद्र को निशाना बनाया, क्योंकि पाकिस्तान चुपचाप बैठा था- रक्षा मंत्री
नई दिल्ली- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत को पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई इसलिए करनी पड़ी क्योंकि पाकिस्तान चुप बैठा हुआ था। रक्षा मंत्री ने साफ किया है कि यह भारत की ओर से कोई सैन्य कार्रवाई नहीं थी।
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फिदायिनों के केंद्र का खात्मा जरूरी था
रक्षा मंत्री ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के उस फिदायीन केंद्र के बारे में सरकार के पास पुख्ता खुफिया जानकारियां थीं। हमनें उस फिदायीन केंद्र को हिट करने का फैसला किया, जो उनकी ट्रेनिंग,फंडिंग और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार था। हमें आतंकियों के खिलाफ इसलिए सख्त कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि ऐसा करना जरूरी हो गया था। उन्होंने ये भी साफ किया कि पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की नकेल कसने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा था। वह एक ऐसा देश बन चुका है, जहां आतंकी खुलेआम ट्रेनिंग लेते हैं, उनकी फंडिंग होती है, वहां की सेना उसे सपोर्ट करती है और फिर उन्हें पाकिस्तान से बाहर हमला करने के लिए भेज दिया जाता है। वह अब तक आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नन-स्टेट एक्टर के अपने सिद्धांतों पर ही चल रहा है।
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जो पाकिस्तान को करना चाहिए, वो भारत ने किया
निर्मला सीतारमण ने एकबार फिर ये साफ किया है कि बालाकोट में एयरस्ट्राइक की कार्रवाई भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं थी। बल्कि, यह आतंकियों और उनके सेंटर को निशाना बनाकर की गई कार्रवाई थी। सच्चाई तो यह है कि इसे पाकिस्तान को ही करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
बालाकोट में एयरस्ट्राइक
बीते 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स मिराज-2000 ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर अभी तक असमंजस है, लेकिन खबरें हैं कि इसमें जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के कई नजदीकी रिश्तेदार भी मारे गए थे। भारत ने ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के जवाब में की थी। उस वारदात में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और जैश-ए-मोहम्मद ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
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