चीन के साथ विवाद के बीच सरकार ने तीनों सेनाओं की हथियार खरीद की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ाया
Defence Forces: चीन के साथ चल रहे मौजूदा विवाद के बीच भारत सरकार ने देश की तीनों सेनाओं को अगले तीन महीने तक आपात स्थिति में जरूरी हथियारों की खरीद की अनुमति को अगले तीन महीने तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने नौसेना, वायुसेना और भारतीय सेना को अगले तीन महीने तक अपनी तैयारी को पुख्ता करने के लिए जरूरी हथियार खरीदने की अनुमति दी है। सेना की तीनों ही इकाइयों को इस बात की इजाज दी गई है कि वह अगले तीन महीनों तक नए वेपस सिस्टम की खरीद कर सकती हैं या उसे लीज पर ले सकती हैं।
बता दें की सेना की तीनों ही इकाइयों ने पहले ही एक साथ दो बिलियन डॉलर के अधिग्रहण को एक साथ फाइनल कर लिया है। यह अधिग्रहण चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच किया गया है ताकि सेना की तीनों ही बलों को किसी भी तरह की आपात स्थिति में मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े। इसके साथ ही केंद्र सरकार इस बात के लिए भी राजी हो गया है कि युद्ध कि स्थिति में सेना 15 दिन तक के हथियार और गोला-बारूद का रिजर्व बनाए। सामान्य स्थिति में यह 10 दिन तक के लिए सीमित रखा जाता है लेकिन अब सरकार ने इस अवधि को 15 दिन तक के लिए बढ़ा दिया है।
उरी में 2016 को हुए हमले के बाद यह महसूस किया गया था कि युद्ध के दौरान खर्च होने वाले गोला-बारूद की कमी है, उस वक्त के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना के तीनों ही प्रमुखों की फाइनेंशियल ताकत में बढ़ोतरी की थी। इनकी फाइनेशिंयल ताकत को 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए तक कर दिया गया था। साथ ही आपात स्थिति में तीनों ही प्रमुखों को इस बात का भी अधिकार दिया गया था कि वह 300 करोड़ रुपए तक के जरूरी उत्पाद खरीद सकते हैं, अगर उन्हें लगता है कि युद्धकाल में इसकी आवश्यकता होगी।
बता दें कि पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्ते ठीक नहीं है ऐसे में देश किस भी स्थिति से निपटने के लिए पिछले कुछ समय से बड़ी संख्या में हथियार, मिसाइल और आधुनिक तकनीक की खरीद कर रहा है। सूत्रों के अनुसार बड़ी मात्रा में टैंक व फाइटर जेट के लिए गोला-बारूद की खरीद की गई है, जिससे कि जमीन पर जवानों के हौसले बुलंद रहें।