विंग कमांडर अभिनंदन की डि-ब्रीफिंग पूरी, ड्यूटी के बजाय भेजे गए तीन हफ्तों की छुट्टी पर, जानें क्यों
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की डि-ब्रिफिंग पूरी हो गई है। इसके बाद उन्हें तीन हफ्तों की सिक लीव पर भेजा जा रहा है। आईएएफ सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बात की जानकारी दी है। विंग कमांडर की डि-ब्रिफिंग में एयरफोर्स के अलावा दूसरी कुछ और एजेंसियां शामिल थीं। विंग कमांडर अभिनंदन ने 27 फरवरी को पाकिस्तान एयरफोर्स की तरफ से बालाकोट हवाई हमले की जवाबी कार्रवाई में अपने मिग-21 से पाक के एफ-16 को गिरा दिया था।
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डॉक्टरों ने दी छुट्टी की सलाह
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर अभिनंदन को सिक लीव पर भेजा गया है। 26 फरवरी को आईएएफ ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे को निशाना बनाया था। इस पूरे मिशन को मिराज-2000 जेट्स ने अंजाम दिया था। इसके बाद अगले दिन यानी 27 फरवरी को पाकिस्तान एयरफोर्स के 24 जेट्स जिसमें एफ-16 के अलावा जे-17 और मिराज शामिल थे, जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के सुंदरबनी तक आ गए थे।
मिग-21 से ढेर किया एफ-16
अभिनंदन मिग-21 उड़ा रहे थे और उन्होंने पाकिस्तान के एफ-16 जेट्स का पीछा किया। उन्होंने एफ-16 को तो ढेर कर दिया लेकिन उनका जेट भी क्रैश हो गया। इसके बाद वह पाक की सीमा में जा गिरे और पाक सेना ने उन्हें बंदी बना लिया। अभिनंदन दुनिया के पहले पायलट हैं जिन्होंने मिग-21 से एफ-16 को ढेर किया था। 28 फरवरी को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अपने देश की संसद को जानकारी दी थी कि एक मार्च को अभिनंदन को उनके देश वापस भेजा जाएगा।
पाक सेना ने दी अभिनंदन को यातनाएं
इमरान ने इस ऐलान को पाक की शांति कोशिशों का प्रतीक बताया। अभिनंदन एक मार्च को भारत आए। इसके बाद दो मार्च से डि-ब्रीफिंग और दूसरी जरूरी मेडिकल प्रक्रिया शुरू हुई। पाक सेना के कब्जे वाले उनके 52 घंटे काफी दर्दनाक रहे। विंग कमांडर अभिनंदन को न सिर्फ पीटा गया बल्कि उन्हें सोने तक नहीं दिया गया था।
कई घंटों तक खड़े रहते थे विंग कमांडर
डि-ब्रीफिंग से जुड़े अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि विंग कमांडर अभिनंदन जब जेट से इजेक्ट होकर पीओके में गिरे और उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने पकड़ लिया। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि विंग कमांडर को सोने को भी नहीं मिला। कई बार तो उन्हें पाकिस्तान की सेना के जवानों ने पीटा भी। जिस समय वह पाक सेना के कब्जे में थे, उस समय कई घंटों तक उन्हें खड़ा रहने को मजबूर किया गया।