तमिलनाडु: धुर विरोधी रहे जयललिता के समीप ही होगा करुणानिधि का अंतिम संस्कार
चेन्नई। जयललिता और करुणानिधि अपने पूरे राजनीतिक दौर में हमेशा एक-दूसरे के कट्टर विरोधी थे, लेकिन जब-जब तमिलनाडु का इतिहास लिखा जाएगा, तब इन दोनों मु्ख्यमंत्रियों का जरूर याद किया जाएगा। करुणानिधि और जयललिता भले ही धुर विरोधी रहे हो, लेकिन संयोग की बात है कि आखिरकार मौत ने उन्हें एक-दूसरे के नजदिक ला ही दिया। मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद, अब यह तय हो चुका है कि एम करुणानिधि का भी उसी जगह अंतिम संस्कार होगा, जहां जयलिलता को दफनाया गया था।
जयललिता के पास में करुणानिधि पार्थिव शरीर पंचतत्व में होगा विलीन
हाईकोर्ट के फैसले के बाद 94 वर्षीय करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर किया जाएगा। दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार भी मरीना बीच पर ही किया गया था। जयललिता का अंतिम संस्कार उनके गुरु रहे एमजी रामचंद्रन के मेमोरियल में ही हुआ था। क्योंकि वॉटर फ्रंट से 500 मीटर के दायरे में किसी निर्माण की रोक थी। यह संयोग ही है कि तमिलनाडु के दो दिग्गज राजनेता जो एक-दूसरे का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते थे, लेकिन करुणानिधि का पार्थिव शरीर भी जयललिता के समीप उसी जगह पर पंचतत्व में विलीन हो रहा है।
हाईकोर्ट ने दी मरीना बीच पर दफनाने की जगह
इससे
पहले
करुणानिधि
की
मौत
के
बाद
पार्टी
डीएमके
ने
मरीना
बीच
पर
दफनाने
के
लिए
सरकार
से
जमीन
मांगी
थी,
लेकिन
राज्य
सरकार
ने
वहां
चल
रहे
कोई
जमीनी
विवाद
का
हवाला
देते
हुए
वह
जगह
देने
से
इनकार
कर
दिया
था।
डीएमके
इस
मामले
को
रात
में
ही
कोर्ट
में
ले
गई,
जिसके
बाद
तमिलनाडु
की
राजनीति
में
सियासी
उठापठक
तेज
हो
गई।
मद्रास
हाईकोर्ट
ने
आज
सुबह
डीएमके
को
राहते
देते
हुए,
मरीना
बीच
पर
ही
करुणानिधि
का
अंतिम
संस्कार
करने
की
इजाजत
दे
दी।
करुणानिधि की समाधि बनेगी
करुणानिधि को अन्नादुराई के पास में दफनाया जाएगा, जहां अन्य मुख्यमंत्रियों की उनकी भी समाधि स्थल बनाया गया है। कल शाम 6 बजकर 10 मिनट पर करुणानिधि का निधन हुआ था। करुणानिधि को दक्षिण की राजनीति का पितामाह कहा जाता है। 1957 में पहली बार विधायक बनने वाले करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।
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