बिहार: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी, मौत का आंकड़ा पहुंचा 77
पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का कहर जारी है। मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेष प्रसाद सिंह ने शनिवार को बताया कि, चमकी बुखार से अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 77 हो गया है। कई मरीजों की हालत अब भी गंभीर है और पीड़ित सभी रोगियों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन रविवार को मुजफ्फरपुर दौरे पर आएंगे। यहां वह अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के बाद स्थिति की समीक्षा करेंगे। लगातार हो रही मौतों के कारणों की जांच के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम मुजफ्फरपुर में है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इलाके में चिलचिलाती गर्मी, नमी और बारिश के ना होने के चलते लोग हाइपोग्लाइसीमिया (शरीर में अचानक शुगर की कमी) के कारण लोगों की मौत हो रही है।
शैलेष प्रसाद सिंह ने बताया, एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार के चलते अब तक 69 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 58 बच्चों की मौत श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में और 11 बच्चों की मौत केजरीवाल अस्पताल में हो गई है। इस बीमारी की जांच के लिए दिल्ली से आई नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की टीम तथा पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी मुजफ्फरपुर का दौरा कर चुकी है।
बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है।
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