जिया खान ने की खुदकुशी या हुआ था मर्डर? BBC की डॉक्यूमेंट्री में उठेंगे कई सवाल
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान की खुदकुशी का केस एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। आपको बता दें कि साल 2013 में जिया खान ने कथित तौर पर खुदकुशी ली थी और अब सीबीआई इस केस की जांच कर रही है। जिया की मां ने खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली पर आरोप लगाया है। सूरज पंचोली जिया खान के ब्वॉयफ्रेंड भी थे। अब जिया खान के केस पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है।
जिया खान की मौत पर बनी इस डॉक्यूमेंट्री का नाम 'डेथ इन बॉलिवुड' है और इसका प्रसारण ब्रिटेन में बीबीसी पर हो रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री का पहला पार्ट सोमवार को ही प्रसारित किया गया है। यह कुल 3 पार्ट में बनी हैं। बाकी के दोनों पार्ट मंगलवार और बुधवार को प्रसारित होंगे। इस डॉक्यूमेंट्री में जिया की मां राबिया खान के अलावा आरोपी सूरज पंचोली के पिता आदित्य पंचोली का वर्जन भी शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि जिया खान 3 जून 2013 को जुहू स्थित अपने घर में मृत पाईं गईं थीं। जिया का शव उनके कमरे के पंखे से लटका हुआ पाया गया था। मुंबई पुलिस के मुताबिक उनके कमरे से 6 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था जिसमें जिया ने खुद को मारने की वजह लिखी थी। सूइसाइड नोट में कथित तौर पर सूरज पंचोली के साथ अपनी रिलेशनशिप का भी जिक्र किया था। सूरज को बाद में गिरफ्तार भी किया गया था और फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया।
वहीं जिया की मां राबिया खान शुरुआत से ही जिया की मौत को सुसाइड नहीं बल्कि मर्डर बताती रहीं हैं। इसी केस को लेकर कुछ दिन पहले राबिया ने एक बड़ा दावा किया था। राबिया का कहना था कि जिया ने कोई भी सुसाइड नोट नहीं लिखा था। पुलिस ने 6 पन्नों का सुसाइड नोट दिखाकर उसे केस के लिए इस्तेमाल कर लिया जबकि उस रात तो जिया 6 पन्ने लिख ही नहीं सकती थी। राबिया ने कहा कि जिया की मौत वाली रात सूरज पंचोली के पिता आदित्य पंचोली वहां आए थे और मुझसे कह रहे थे कि अरे वो बेचारी बच्ची थी, मेरे बेटे ने तो अपने करियर की वाट लगा दी है, मैंने उसको बहुत कहा था कि तू वो हरकत मत कर जो मैं कर चुका हूं। आदित्य पंचोली सीसीटीवी में भी नजर आए थे लेकिन इस बात का जिक्र चार्जशीट में कहीं नहीं किया गया।
राबिया ने बताया कि जिया के शरीर पर चोट के निशान मौजूद थे। जिया के अंतिम संस्कार के वक्त 6-7 बड़े पुलिस ऑफिसर आए थे जिन्हें मैंने बोला कि मेरी बेटी को मारा गया है। मैंने उन ऑफिसर्स को बताया कि जिया के शरीर पर चोटों के निशान थे। ये सुनने के बाद उन्होंने जांच कर रहे अधिकारी से इसके बारे में पूछा तब उसने उन्हें फोटोज दिखाईं। फोटो देखकर वो सभी खड़े हो गए और उन ऑफिसर्स में मौजूद एसीपी ने मुझे कहा था कि विश्वास करिए, मैं आपको इंसाफ दिलाऊंगा लेकिन एक महीने बाद सब अपनी बात से पीछे हट गए।
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