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कीर्ति आजाद का दावा डीडीसीए में हुए बड़े घोटाले
नई
दिल्ली।
पूर्व
क्रिकेटर
व
सांसद
कीर्ति
आजाद
ने
विकीलीक्स4इंडिया
और
सन
स्टार
नेशनल
डेली
के
साथ
मिलकर
एक
वीडियो
जारी
किया
है,
जिसमें
डीडीसीए
से
जुड़े
बड़े
घोटालों
को
उजागर
किया
गया
है।
कीर्ति
आजाद
ने
इस
वीडियो
को
आधार
बनाते
हुए
डीडीसीए
में
बड़ा
घोटाला
होने
का
दावा
किया
है।
इस वीडियो में हुए खुलासों के मुख्य अंश इस प्रकार हैं-
- एक कंम्पयूटर की कीमत 30 से 40 हजार रुपए में आता है, लेकिन डीडीसीए ने 11 हजार रुपए प्रति दिन के किराये पर कंप्यूटर लिये।
- डीडीसीए ने 3 हजार रुपए प्रति दिन के आधार पर प्रिंटर किराये पर लिये, जबकि एक प्रिंटर आसानी से 5 से 7 हजार में खरीदा जा सकता है।
- डीडीसीए के साथ 14 ऐसी कंपनियों के साथ डीली हुई, जो भौतिक रूप से हैं ही नहीं।
- वाज कंसल्टेंसी नाम की कंपनी के साथ डीडीसीए ने टेंडर दिये। कंपनी का जो पता डीडीसीए के रजिस्टर में लिखा है, वहां एक हाउसिंग सोसाइटी है। इस नाम की कोई कंपनी है ही नहीं।
- जिस कंपनी के साथ मिलकर स्टेडियम के रखरखाव का काम किया गया था, उस नाम की कंपनियां दिल्ली में मौजूद ही नहीं हैं।
- भावना शर्मा के नाम का बिल लगाया गया। बिल पर लिखा पता पूरी तरह गलत है। ऐसा पता दिल्ली में है ही नहीं।
- एक बिल में मुंजल कॉर्पोरेशन का बिल है, सदर बाजार का पता था। इस नाम की कंपनी सदर बाजार में है ही नहीं।
- माइक्रो सिस्टम, राजौरी गार्डन्स की गलियों में जब इस कंपनी को खोजा गया, तो वहां दफ्तर की जगह मकान था। किरायेदार ने बताया कि वो यहां 10 साल से रह रहा है, लेकिन कोई कंपनी नहीं है।
-
डीडीसीए
की
फाइल
में
एसके
कंस्ट्रक्शन
का
जो
पता
दिया
गया
है,
वहां
एक
रीयल
इस्टेट
कंपनी
है।
क्या कहते हैं चेतन चौहान
जिन बिलों को कीर्ति आजाद ने प्रस्तुत किया है, उसकी जांच जारी है। प्रशासनिक स्तर पर घपले हुए हैं, यह बात डीडीसीए को मालूम है और इसकी जांच जारी है। ईपीआईएल मुख्य कॉट्रैक्टर था स्टेडियम बनाने में। वो एक्सपर्ट है इसलिये हम उन पर भरोसा करते हैं। छोटे-छोटे कॉन्ट्रैक्टर लाने का काम उनका ही होता है।
Comments
English summary
In DDCA Scam former cricleter Kirti Azad has revealed many things with WikiLeaks4India and Sun Star Media.
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