Delhi Exit Poll: एक सर्वे जिसने AAP की India Today-Axis से भी बड़ी जीत बताई
इस सर्वे के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को 2015 के विधानसभा चुनाव से भी कहीं ज्यादा बड़ा झटका लग सकता है।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान खत्म होने के बाद अब मंगलवार 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। सुबह 7 बजे से ही दिल्ली में नतीजों के रुझान आने शुरू हो जाएंगे। चुनाव नतीजे घोषित होने से पहले अलग-अलग एजेंसी के एग्जिट पोल में दिल्ली के अंदर एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 68 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया है। वहीं, एक सर्वे ऐसा भी ही, जिसने दिल्ली में आद आदमी पार्टी के लिए इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल से भी कहीं ज्यादा बड़ी जीत का आंकड़ा जारी किया है।
क्या कहते हैं इस एग्जिट पोल के नतीजे
ये एग्जिट पोल है दिल्ली यूनिवर्सिटी के डेवलपिंग कंट्रीज रिसर्च सेंटर (डीसीआरसी) का। डीसीआरसी ने अपने चुनावी सर्वेक्षण में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी को 68 सीटें मिलने का अनुमान जताया है, यानी 2015 के चुनाव में 'आप' को मिली 67 सीटों से भी एक सीट ज्यादा। वहीं इस सर्वे के मुताबिक भाजपा के हिस्से में महज 2 सीटें ही जाती हुईं नजर आ रही हैं। एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस का इस चुनाव में खाता नहीं खुल रहा है। भाजपा को इस एग्जिट पोल में जो दो सीटें दी गई हैं, वो पार्टी को दक्षिणी दिल्ली में मिलती हुईं नजर आ रही हैं। बाकी 6 जिलों में भाजपा एक भी सीट ना मिलने का अनुमान जताया गया है।
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क्यों है India Today-Axis से भी बड़ी जीत
डीसीआरसी के इस सर्वे में आम आदमी पार्टी के लिए इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल से भी बड़ी जीत का अनुमान जताया जा रहा है। दरअसल इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को सीटें तो 59 से 68 ही मिलती हुईं नजर आ रही हैं, लेकिन पार्टी के खाते में केवल 56 फीसदी वोट शेयर जाने का ही अनुमान जताया गया है। वहीं, डीसीआरसी के एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 60.04 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है। यानी इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल से 4 फीसदी ज्यादा वोट शेयर। इस एग्जिट पोल में भाजपा के खाते में केवल 30.98 फीसदी और कांग्रेस के हिस्से में 6.74 फीसदी वोट शेयर जा सकता है।
70 सीटों पर 103,731 मतदाताओं से ली गई राय
डीसीआरसी ने यह सर्वे दिल्ली में 1 से 6 फरवरी के बीच यानी मतदान होने से पहले किया है। इस सर्वे के लिए 1 से 6 फरवरी के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलग-अलग विभागों के करीब 30 शिक्षकों और 500 स्टूडेंट्स ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर करीब 103,731 मतदाताओं से उनकी राय ली गई। डीसीआरसी का गठन दिल्ली यूनिवर्सिटी में 1990 में किया गया था, लेकिन सेंटर ने पहली बार किसी चुनाव को लेकर कोई एग्जिट पोल जारी किया है। डीसीआरसी का यह सर्वे इसलिए भी काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें सभी 70 विधानसभा सीटों के करीब 103,731 मतदाताओं से बात की गई है, जो अपने-आप में एक बड़ा सैंपल साइज है।
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दिल्ली चुनाव में हावी रहा शाहीन बाग का मुद्दा
आपको बता दें कि दिल्ली चुनाव में इस बार शाहीन बाग का मुद्दा भी गरमाया हुआ था। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में लोग पिछले करीब 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने विवादि बयान भी दिए थे, जिन्हें लेकर चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं के प्रचार करने पर बैन लगाया था। दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा को 2015 में महज तीन सीटें ही मिल पाईं थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।