आपात स्थिति में कोरोना मरीजों को दिया जाएगा इटोलिजुमाब इंजेक्शन, DCGI ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। आठ महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोरोना वायरस महामारी को ठीक करने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं की जा सकी है। ऐसे में जिन संभावित दवाओं से कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता है, दुनियाभर के डॉक्टर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। शुक्रवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने ऐसी एक दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है जिसे कोरोना के गंभीर मरीजों को दिया जा सकता है। डीसीजीआई ने आपात इस्तेमाल के लिए इटोलिजुमाब इंजेक्शन की अनुमति दी है।
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इटोलिजुमाब इंजेक्शन को सिर्फ उन्हीं कोरोना मरीजों को दिया जा सकता है जो गंभीर सांस की तकलीफों से जूझ रहे हैं। बता दें कि इटोलिजुमाब इंजेक्शन त्वचा रोग सोरायसिस के इलाज में काम आने वाली दवा है। इस कंपनी का उत्पादन बेंगलुरू में किया जाता है। इस दवा का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डीसीजीआई ने शर्तों के साथ अनुमति दी है। डॉक्टर इसका इस्तेमाल कोरोना के कम या मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए नहीं कर सकते। जिन मंरीजों में गंभीर सांस की तकलीफ है उन्हें ही इसका डोज दिया जाएगा।
डीसीजीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इटोलिजुमाब इंजेक्शन के प्रतिबंधित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने से पहले भारत में कोरोना मरीजों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। इस दवा को एम्स के पल्मोनोलॉजिस्ट, फार्माकोलॉजिस्ट और दवा विशेषज्ञों की समितिसाइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम के उपचार में कारगर पाया। इस दवा को रोगी को देने से पहले उससे सहमति प्रपत्र भरवाना आवश्यक होता है।
बता दें कि पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों की बात करें तो भारत में अब तक कोरोना के कुल केस 8,20,916 हो गए हैं। इसमें से 2,83,407 ऐक्टिव केस हैं जबकि 5,15,386 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। इस बीमारी से देश में अब तक 22,123 लोगों की मौत हुई है। जबकि बीते 24 घंटे में कोरोना के 27,114 नए केस सामने आए हैं और 519 लोगों की मौत हुई है।
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