महिलाओं ने पीएम से की खतना को बैन करने की गुजारिश, शुरू किया इसके खिलाफ अभियान
महिला जननांग विकृति (Femail Genital Mutilation) के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। महिलाओं के हक में काम करने वाले संस्थान इस प्रथा को बंद कराने के लिए सालों से लड़ रहे हैं। अब दाऊदी बोहरा समाज की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर इसे गैरनानूनी घोषित करने की मांग की है।
नई दिल्ली। महिला जननांग विकृति (Femail Genital Mutilation) के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। महिलाओं के हक में काम करने वाले संस्थान इस प्रथा को बंद कराने के लिए सालों से लड़ रहे हैं। अब दाऊदी बोहरा समाज की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर इसे गैरनानूनी घोषित करने की मांग की है। इसके लिए महिलाओं ने एक अभियान जारी किया है।
प्रधानमंत्री को लेटर लिख की गुजारिश
विश्व बाल दिवस के मौके पर इस अभियान की शुरुआत हुई है। लेटर में प्रधानमंत्री से गुजारिश की गई है कि इस मामले में राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की जाए। उनका कहना है कि बोहरा समाज के लिए आईपीसी और पीओसीएसओ प्रावधानों में इसे अपराध घोषित किया जाए। भारत में महिला जननांग विकृति के लिए कोई कानून नहीं है।
मंत्रालय की चुप्पी के बाद लिया फैसला
अभियान की शुरुआत कर रही महिलाओं का कहना है कि इस मुद्दे पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की चुप्पी के बाद शुरू किया गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस क्रूर प्रथा पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था लेकिन फिर इसपर कुछ नहीं किया है।
मासूम बच्चियों के साथ होती है खतना
लेटर लिखने वाली मासूमा रानाल्वी ने लिखा है कि बोहरा समुदाय में सालों से 'खतना' या 'खफ्ज' प्रथा का पालन किया जा रहा है। मेरे समुदाय में जैसे ही कोई बच्ची 7 साल की हो जाती है, उसकी मां या दादीमां उसे एक दाई या लोकल डॉक्टर के पास ले जाती हैं, जहां उसके प्राइवेट पार्ट को काट दिया जाता है, जो कुछ उस 7 साल की बच्ची के साथ होता है, उसके बारे में उन्हें पता ही नहीं होता लेकिन उसका दंश और दर्द वो ताउम्र झेलती हैं।
यौन इच्छाओं को मारने के लिए होती है खतना
खतना एक ऐसी प्रक्रिया है जो दाऊदी बोहरा समुदाय की बच्चियों को कम उम्र में ही खतना का शिकार होना पड़ता है। खतना में बच्चियों के वजाइना को काट दिया जाता है। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में तकरीबन 20 करोड़ लड़कियों के वजाइना को खतना के नाम पर काटा गया है। महिलाओं की यौन इच्छाओ को मारने के लिए खतना की प्रक्रिया की जाती है।
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