डॉन अबू सलेम की कहानी: दाऊद ने दिया ऐसा धोखा कि बर्बाद हो गया
नई दिल्ली। 1993 मुंबई को कई बम धमाकों से दहला देने वाले अबू सलेम को गुरूवार को विशेष टाडा कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोई जमाने में अबू सलेम जिस शख्स को अपना रोल मॉडल मानता था, उसे नहीं पता था कि एक दिन वो ही आदमी उसे सलाखों के पीछे पहुंचा देगा। अबू सलेम को 2002 में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन से गिरफ्तार कर लिया गया। अबू सलेम को गिरफ्तार करवाने में दाऊद इब्राहिम एंड गैंग की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दाऊद ने ही अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी को गिरफ्तार करवाया था।
महंगी पड़ी दाऊद से दुश्मनी
बताया जाता है कि 90 के दशक में जब अबू सलेम दाऊद के संपर्क में आया तो वो जबरन वसूली के रैकेट में खो गया। उस दौरान उसने बॉलीवुड और बिल्डरों से वसूली को जबरदस्त ढंग से अंजाम दिया। फिर 1998 में डॉन के खास आदमी छोटा शकील से झगड़ा होने के बाद अबू सलेम ने दाऊद इब्राहिम से नाता तोड़ लिया।
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दाऊद का निशाना बन गए थे सलेम
दाऊद इब्राहिम एंड कंपनी से खटपट होने के बाद सलेम अमेरिका और यूरोप में घूमते रहे। उस दौरान दाऊद को शक हुआ कि सलेम ने छोटा राजन से हाथ मिला लिया है। सितंबर 2000 की बात है जब दाऊद ने बैंकॉक में रह रहे छोटा राजन पर हमला करवाया था, लेकिन वो उसे मारने में नाकाम रहा। इसके बाद दाऊद ने सलेम पर भी अपनी निगाहें जमा ली। दुबई में बैठे दाऊद ने यूरोप में घूम रहे सलेम की हर छोटी एक्टिविटी पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
इंडियन एजेंसी को दाऊद ने दिए थे सलेम के नंबर
हर गैंगस्टर की तरह अबू सलेम भी समय-समय पर अपने मोबाइल नंबर बदलता रहता था, लेकिन जब इंडियन एजेंसियों को सलेम के नए नंबर हाथ लग गए तो आखिरकार 20 सितंबर 2002 को अबू सलेम को उसकी प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ इंटरपोल ने लिस्बन में गिरफ्तार कर लिया गया। इन दोनों की गिरफ्तारी सैटेलाइट फोन से मिली लोकेशन के जरिए हुई थी। बताया जाता है कि इंडियन एजेंसी को अबू सलेम के नए नंबर दाऊद के नेटवर्क से प्राप्त हुए थे। उसके बाद 2004 में भारत के मॉस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शूमार अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत लाया गया।