जख्मों पर नमक: पाकिस्तान ने 26/11 हमलों के दोषी हेडली के भाई को वाजपेयी के अंतिम संस्कार में भेजा
नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शिरकत करने पहुंचे। सिद्धू ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया तो भारत में सख्त प्रतिक्रिया हुई। यह विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक नई खबर ने सभी को हैरान करके रख दिया।
मामला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार से जुड़ा है, जिसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली आया था। डेलीगेशन में पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के कानून एवं सूचना प्रसारण मंत्री अली जफर के साथ तीन अधिकारी भी थे। इन अधिकारियों में दानयाल गिलानी भी शामिल था। दानयाल गिलानी 26/11 हमलों के दोषी डेविड कोलमैन हेडली का सौतेला भाई है।
डेविड कोलमैन हेडली इस समय अमेरिका की जेल में बंद है। डेविड हेडली मुंबई हमलों के केस में दोषी करार है। हेडली और दानयाल के पिता एक ही हैं, जबकि मां अलग-अलग हैं। दानयाल गिलानी पाकिस्तान की सिविल सेवा में अधिकारी है। दानयाल केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के चेयरमैन होने के साथ मिनिस्टर्स ऑफिस के डायरेक्टर भी हैं। वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव भी रह चुके हैं। हेडली और दानयाल की आखिरी बार मुलाकात पिता सैय्यद सलीम गिलानी की मौत के वक्त दिसंबर 2008 में हुई थी। दानयाल इस बात से भी इनकार करते रहे हैं कि उन्हें डेविड हेडली के आतंकी संपर्कों के बारे में कोई जानकारी थी।
भारत में कत्लेआम का जिम्मेदार है
इमरान खान के आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध आगे बढ़ेंगे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई दो घटनाओं से स्पष्ट लग रहा है कि पाकिस्तान कभी बाज आने वाला नहीं है। वाजपेयी के अंतिम संस्कार एक ऐसे शख्स के भाई भेजा गया, जो कि भारत में कत्लेआम का जिम्मेदार है। बात सिर्फ इसी मामले तक सीमित नहीं है।
नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्रपति मसूद खान के साथ बिठाया गया
पाकिस्तान ने अमन का पैगाम लेकर इस्लामाबाद गए नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भी शर्मसार करने वाली हरकत की। इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के साथ बिठाया गया।
दूसरी
ओर
हेडली
के
सौतेले
भाई
के
वाजपेयी
के
अंतिम
संस्कार
में
शामिल
होने
पर
विपक्ष
हमलावर
हो
गया
है।
कांग्रेस
ने
सवाल
उठाया
है
कि
क्या
सरकार
के
पास
पाकिस्तान
से
आने
वाले
प्रतिनिधिमंडल
में
शामिल
सदस्यों
के
नाम
पहले
से
नहीं
थे?
इस
मामले
में
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
ने
बयान
जारी
कर
सफाई
दी
है
कि
दानयाल
गिलानी
को
वीजा
इसलिए
दिया
गया,
क्योंकि
वह
ब्लैकलिस्ट
में
नहीं
था
और
पाकिस्तान
कानून
एवं
सूचना
प्रसारण
मंत्री
अली
जफर
के
साथ
जो
सुषमा
स्वराज
की
बैठक
हुई,
उसमें
भी
वह
मौजूद
नहीं
था।
इसके
साथ
ही
राष्ट्रीय
स्मृति
स्थल
पर
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
वाजपेयी
के
अंतिम
संस्कार
में
भी
गिलानी
मौजूद
नहीं
था।