डाटा चोरी पर लग सकता है 15 करोड़ तक का जुर्माना, जस्टिस श्रीकृष्ण समिति ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट
नई दिल्ली: रिटायर्ड जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को 176 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में संवेदनशील निजी जानकारी में सेंधमारी पर एक करोड़ से 15 करोड़ तक के जुर्माने की सिफारिश की गई है। समिति द्वारा संवेदनशील श्रेणी में 14 निजी जानकारियों को रखा गया है। इन जानकारियों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कंपनी और व्यक्ति के आधार पर जुर्माने की रकम तय करने की सिफारिश की गई है।
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डाटा सेफ्टी को लेकर रिपोर्ट के साथ-साथ समिति द्वारा मसौदा विधेयक भी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपा गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, किसी कंपनी द्वारा नियम तोड़ने पर 15 करोड़ तक के जुर्माने के साथ आपराधिक मामला चलाने की सिफारिश समिति द्वारा की गई है। वहीं, समिति ने देश में डाटा सेफ्टी अथॉरिटी बनाने की सिफारिश इस रिपोर्ट के जरिए की है। वहीं, सरकारी अथॉरिटी व एजेंसियों को गैरकानूनी गतिविधियों, कर्ज वसूली और क्रेडिट स्कोर जानने आदि के लिए छूट दी गई है।
समिति का मानना है कि डाटा देश में ही स्टोर किया जाए। अगर इसे किसी अन्य देश को दिया जाता है तो उसकी एक कॉपी देश में रहे। जबकि डाटा सेफ्टी को लेकर बनाया जाने वाला कानून आरबीआई से ऊपर होगा। वहीं, नागरिकों को डाटा वापस लेने और पोर्टेबिलिटी का अधिकार भी होगा। डाटा के इस्तेमाल के लिए ग्राहक की मंजूरी लेनी आवश्यक होगी। कोई अगर डाटा में सेंध लगाता है तो उसके लिए जुर्माना लगाया जाएगा।
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