मिलिए ओडिशा के 'दशरथ मांझी' से, जिसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए पहाड़ काटकर बनाई सड़क
भुवनेश्वर। कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी मांझी- द माउंटेन मैन जिसमे मुख्य किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी थे। फिल्म में बिहार के दशरथ मांझी के उस संघर्ष को दिखाया गया है जिसमे उन्होंने अकेले ही पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था। लेकिन एक बार फिर से कुछ इसी तरह का मामला ओडिशा में सामने आया है, जहां 45 वर्षीय आदिवासी ने अकेले ही पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया है।
8 किलोमीटर का रास्ता बनाया
ओडिशा के आदिवासी जालंदर नायक ने अकेले दम पर कंधमाल जिले के फूलबानी के गुमसाही गांव में पहाड़ को काटकर 8 किलोमीटर का रास्ता बना डाला, यह रास्ता उनके गांव गुमसाही को फूलबनी से जोड़ता है। इस घटना से एक बार फिर से बिहार के दशरथ मांझी की घटना ताजा हो गई है। दशरथ मांझी ने अपने जीवन के 22 वर्ष 360 फीट की रोड काटने में गुजार दिए थे।
बच्चों को स्कूल जाने में होती थी दिक्कत
जालंदर नायक जोकि कंधमाल के रहने वाले हैं, उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पहाड़ को काटकर रास्ता बना डाला है। यह रास्ता गुमसाही गांव को फूलबानी शहर से जोड़ता है। उन्होंने यह रास्ता अपने बच्चों के लिए बनाया है ताकि उनके बच्चे स्कूल जाने में किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करे। घटना के बारे में बीडीओ अधिकारी जेके जेना का कहना है कि वह जहां रहते हैं वह जगह रहने लायक नहीं है। हमने उन्हे न्योता दिया था कि वह हमारे शहर में आकर रहे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। हमारा समर्थन उनके साथ है, उनका सम्मान किया जाएगा या नहीं अभी इसका फैसला नहीं लिया गया है।
एक भी स्कूल, आंगनवाड़ी, अस्पताल नहीं
वहीं इस घटना के बाद जालंदर नायक का कहना है कि यहां कोई स्कूल नहीं है, ना ही कोई आंगनवाड़ी है, ऐसे में हमे शहर जाने के लिए पहाड़ी इलाकों की ओर से होकर जाना पड़ता है, इसलिए मैंने यहां सड़क बनाने का फैसला लिया। यहां एक भी अस्पताल नहीं है, एक बार मुझे अपनी गर्भवती पत्नी को पांच किलोमीटर तक टोकरी में बैठाकर ले जाना पड़ा था।
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