देवबंद का एक और फतवा, मुस्लिम महिलाओं का बिना बुर्का किसी शादी में जाना इस्लाम के खिलाफ
नई दिल्ली। अपने अजीबोगरीब फतवे के कारण चर्चा में रहने वाले दारुल उलूम देवबंद ने एक और फतवा जारी किया है। इस नए फतवे में दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं को हिदायत दी है कि वे बिना बुर्के के शादी और अन्य समारोह में शामिल ना हों। दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा नहीं करने को गुनाह और गैर-इस्लामिक करार दिया है।
मुस्लिम महिलाओं के लिए जारी इस नए फतवे के संबंध में मौलाना उस्मानी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का शादी में ही नहीं, किसी भी अन्य समारोह में बिना बुर्के के शरीक होना शरीयत के खिलाफ है और गुनाह है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्दे में रहना चाहिए और इस्लाम के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं को बिना बुर्के के कहीं आना-जाना सही नहीं है।
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उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनकर ही बाजार जाना चाहिए। पिछले दिनों ही दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम शादियों में होने वाली गैर इस्लामिक प्रथाओं के खिलाफ भी फतवा जारी किया था। इस फतवे में लड़की के परिवार की तरफ से लड़के के परिवार को भेजे जाने वाले लाल खात (निमंत्रण पत्र) को लेकर फतवा जारी किया गया था।