नक्सली हमले से पहले BJP विधायक ने कहा था, 'ये मेरा इलाका है, यहां के लोगों को जानता हूं'
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले दंतेवाड़ा में एक भाजपा विधायक और चार अन्य लोग नक्सलियों द्वारा किए गए IED हमले में मारे गए हैं। दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर उस हमला किया जब वे कुंआकोंडा से बचेली की ओर जा रहे थे। तभी नक्सलियों ने रिमोट के जरिए आईईडी ब्लास्ट कर उनकी एसयूवी कार को उड़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक भीमा मंडावी स्थानीय पुलिस की चेतावनियों को नजरअंदाज इस इलाके में गए थे। यहीं नहीं हमले से पहले विधायक ने अपनी सुरक्षा में लगे डीआरजी के 50 अतिरिक्त जवान को हटा दिया था।
बीजेपी विधायक ने पुलिस के अलर्ट को नजरअंदाज किया था
राज्य के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, बीजेपी विधायक ने पुलिस के अलर्ट को नजरअंदाज किया था। राज्य पुलिस ने सभी राजनीतिक नेताओं से कहा था कि वे नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण दोपहर 3 बजे चुनाव ही चुनाव प्रचार करें और आयोग की समयसीमा का पालन करें। पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने कहा कि बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की सुरक्षा चुनाव प्रचार के दौरान बढ़ा दी गई थी। डीआरजी के 50 अतिरिक्त जवान भीमा मंडावी की सुरक्षा में लगे थे, जो उनके साथ आज दोपहर डेढ़ बजे तक थे। इसके बाद चुनाव प्रचार समाप्त होने का हवाला देकर खुद भीमा मंडावी ने उन्हें वापस लौटा दिया था।
भीमा मंडावी ने कहा था कि यह उनका क्षेत्र था और वे लोगों को जानते हैं
घटना से ठीक पहले, भीमा मंडावी ने कहा था कि यह उनका क्षेत्र था और वे लोगों को जानते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि बचेली से नकुलनार की ओर जाते समय उन्होंने एक शॉर्टकट उपयोग किया गया था। भाजपा विधायक ने शाम 4 बजे के बाद श्यामगिरी को छोड़ दिया। डीएम अवस्थी ने कहा कि दोपहर में भोजन के बाद बीजेपी विधायक भीमा मंडावी किरंदुल पार्टी कार्यालय से बचेली की ओर आ रहे थे। इसकी जानकारी बचेली थाना प्रभारी आदित्य सिंह को हुई।
नक्सली हमले पर बोले दंतेवाड़ा के एसपी- पुलिस ने भीमा मंडावी को इलाके का दौरा नहीं करने की दी थी सलाह
पुलिस के रोकने के बाद वे नक्सल प्रभावित इलाके में गए
टीआई आदित्य सिंह ने भीमा मंडावी को मोबाइल फोन पर करीब दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर कॉल किया था और उनसे कहा कि यदि वे बचेली से कुआकोंडा मार्ग पर जा रहे हैं तो उस मार्ग पर आरओपी (रोड ओपनिंग पार्टी) नहीं है। पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने के कारण उन्हें उस मार्ग पर जाने से थाना प्रभारी द्वारा मना किया था, लेकिन वे फिर भी चले गए। घटना के बाद छत्तीसगढ़ एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजी गिरधारी नायक ने कहा कि घटना को अंजाम देने वाले नक्सलियों की संख्या करीब 25 थी। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट के बाद दोनों ओर से फायरिंग भी हुई है।
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