नक्सलियों की सफाई, गलती से दूरदर्शन कैमरामैन को मार दिया, मीडिया हमारी मित्र
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जिस तरह से नक्सलियों ने सेना की टुकड़ी पर धावा बोला था और डीडी के कैमरामैन सहित तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, उसके बाद नक्सलियों ने इस मामले में बयान जारी किया है। नक्सलियों ने बयान जारी करके कहा है कि हमे इस बात की जानकारी नहीं थी कि एंबुश के दौरान दूरदर्शन की टीम भी मौजूद थी, इस दौरान फायरिंग के वक्त अच्युतानंद की मृत्यु हो गई जिसका हमे अफसोस है।
पत्रकार हमारे मित्र
नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि सेना गांव के लोगों को परेशान करती है, उनके साथ मारपीट करती है, हम इसका विरोध करते रहते हैं। सेना लोगों को जबरदस्ती मारपीटकर सड़क निर्माण कार्य में शामिल कर रही है। ये लोग हर रोज इन लोगों पर फायरिंग करते हैं और मारपीट करते हैं। इसी के विरोध में हमने सेना पर हमला किया था, लेकिन हमे इस बात की जानकारी नहीं थी कि एंबुश में दूदरर्शन के कैमरामैन भी शामिल हैं। हम जानबूझकर पत्रकारों को नहीं मारेंगे।
भाजपा को मार भगाओ
माओवादी साईनाथ ने बयान जारी करके कहा कि हम अपील कर रहे हैं कि संघर्ष के इलाकों में पत्रकार अलग-अलग कर्मचारी लोग पुलिस के साथ नहीं आए। खासकर कि चुनाव ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारी लोग किसी भी परिस्थिति में पुलिस के साथ नहीं आएं। पत्रकार लोग हमारे दुश्मन नहीं बल्कि मित्र है। 31 अ्क्टूबर को लिखे गए इस पत्र में साईनाथ ने लोगों से अपील की है कि चुनाव का बहिष्कार करें और यहां से संघ और भाजपा को मार भगाओ।
आखिर क्यों लूटा कैमरा
वहीं नक्सलियों के पत्र के बाद दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि आखिर क्यों नक्सलियों ने कैमरामैन का कैमरा लूटा, क्योंकि इसमे सबूत रिकॉर्ड हो गए थे कि घटनास्थल पर शुरुआती कुछ मिनट में क्या हुआ था और किस तरह से मीडिया को जानबूझकर निशाना बनाया गया था। जिस तरह से कैमरामैन के शरीर में कई गोलियां दागी गईं और उसके सिर में फ्रैक्चर पाया गया वह साफ बताता है कि यह गलती से नहीं हुआ है।
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