चीन की शामत! अब भारत में तैयार होंगी ये खतरनाक इजरायली बंदूकें, एक झटके में होगा दुश्मन का खात्मा
नई दिल्ली। सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत अब अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर देने लगा है। इसी कड़ी में इजरायली असॉल्ट राइफलें 'अरद और कार्मेल' का निर्माण भारत में किया जाएगा। इससे न सिर्फ भारतीय सेना के जवानों की ताकत बढ़ेगी बल्किन घरेलू उद्योग को भी फायदा पहुंचेगा। भारत सरकार के इस फैसले से चीन को सैन्य स्तर के साथ-साथ आर्थिक स्तर पर भी झटका लगा है। इन असॉल्ट राइफल्स का निर्माण मध्य प्रदेश के ग्वालियर में किया जाएगा।
MP में होगा इजराइली हथियारों का निर्माण
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक घरेलू छोटे हथियारों के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। इन इजरायली हथियारों का निर्माण मध्य प्रदेश में 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत किया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में साल 2017 में इजरायली ने अपना भारतीय कंपनी के साथ साझा उपक्रम शुरू किया था। इजरायली वेपन्स सिस्टम (IWI) स्थापित इसी संयंत्र में अरद और कार्मेल जैसी खतरनाक राइफलों का निर्माण किया जाएगा।
सेना के जवानों सहित पुलिस को भी मिलेंगे ये हथियार
अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण ठेकेदार कंपनी पुंज लॉयड ने मूल रूप से संयुक्त उद्यम में 51 प्रतिशत शेयर रखे थे, पुंज लॉयड ने फाउरेन्स सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी से खरीदा था उस दौरान यह भारतीय समूह कर्ज जैसी समस्याओं का सामना कर रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में यह संयुक्त उद्यम केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस के अलावा सेना, नौसेना और वायु सेना के विशेष बलों से अनुबंध करने पर विचार कर रहा है।
अमेरिका से आएगी चीन और पाकिस्तान की शामत
दिलचस्प बात यह है कि पीएलआर सिस्टम अब कर्नल अजय सोनी द्वारा चलाया जाता है जो पहले से ही भारत में गैलिल स्नाइपर राइफल, उजी प्रो सब-चॉचिन गन, मसाडा पिस्टल और अन्य जैसे छोटे हथियारों का बड़ी संख्या का निर्माण करता रहा है। इसी बीच अमेरिका से भी भारतीय सेना के जवानों को बड़ी संख्या में हाईटेक हथियार मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना को 72 हजार सिग 716 असाल्ट राइफल की डिलीवरी मिल चुकी है। जल्द ही 72 हजार और सिग राइफल का आर्डर दिया जाएगा।
पहली खेप पहुंची
भारतीय सेना के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने जरूरी सामानों की खरीद की छूट सेना को दी थी। इसी के तहत सेना अमेरिका से 72 हजार और सिग 716 असाल्ट राइफल खरीदने जा रही है। इसमें 72 हजार राइफल का पहला बैच आ गया है, जिसे उत्तरी कमांड और अन्य जगहों पर भेज दिया गया है। अभी इसका इस्तेमाल आतंकवाद रोधी अभियान और सीमा पर तैनात जवानों द्वारा किया जाएगा।
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