अब माकपा ऊंची जातियों का क्लब नहीं रहेगी
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) अब तय होता जा रहा है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सीताराम येचुरी को अपना नया महासचिव बनाने जा रही है। उसकी कांग्रेस इन दिनों केरल की राजधानी तिरुअंनंतपुरम में चल रही है। उससे भी बड़ी बात ये है कि माकपा की नए पोलित ब्यूरो में दलितों और पिछड़ों को जगह मिलेगी।
माकपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अपनी पोलित ब्यूरो में दलितों और पिछड़ों को पर्याप्त नुमाइंदगी देने का फैसला किया है। अभी तक माकपा के शिखर पर ब्राहमण, कायस्थ और दूसरी ऊंची जातियों के लोग ही शिखर पर रहे हैं। माकरा को लंबे समय से फोलो कर रहे अरुण कुमार कहते हैं कि हालांकि ये जाति तोड़ों की बात तो करती है, पर खुद माकपा में सिर्फ ऊंची जातियों ही छाई रही हैं।
इस बीच,रामचंद्र पिल्लै के माकप महासचिव बनने की उम्मीद नहीं रही है। पहले निवर्तमान महासचिव प्रकाश करात नहीं चाहते थे कि येचुरी बने पार्टी के महासचिव।
वे चाहते थे कि केरल से पार्टी नेता रामचन्द्र पिल्लै बने महासचिव। करात केरल से पार्टी के नेता रामचंद्रन पिल्लै को महासचिव बनाने के हक में थे। पिल्लै भी माकपा की पोलित ब्यूरो के सदस्य है।
आंध्र से येचुरी
हालांकि येचुरी का संबंध तो आंध्र प्रदेश से हैं, पर वे राज्य सभा में पश्चिम बंगाल से सदस्य है। वे बेहद तेज-तर्रार नेता हैं। वे कलम के भी धनी हैं। बहुत लिखते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में नियमित रूप से लिखते हैं। उनकी पत्नी भी एक बड़े अंग्रेजी अखबार की वरिष्ठ संपादक हैं। इस बीच, सूत्रों ने कहा कि माकपा उन दलित और पिछड़े नेताओं को तलाश रही है,जो उसकी पोलित ब्यूरो में शामिल हो सकते हैं।