दिल्ली: रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ हजारों दलितों ने किया प्रदर्शन
नई दिल्ली: दिल्ली में रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध बुधवार को रामलीला मैदान में हजारों दलितों ने प्रदर्शन किया। ये दलित देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। नीली टोपी पहने और हाथों में झंडे लिए सभी उम्र के प्रदर्शनकारियों ने मध्य दिल्ली के झंडेवालान में स्थित अंबडेकर भवन से रामलीला मैदान तक मार्च किया। मार्च की वजह से शहर के कई हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ।
ये प्रदर्शनकारी पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए थे। जय भीम का नारा लगाते हुए इन प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार इस समुदाय के लोगो को जमीन सौंप और मंदिर का दोबारा निर्माण कराएं। इस मंदिर को तोड़े जाने के खिलाफ पंजाब में भी प्रदर्शन हुआ था, 13 अगस्त को दलित समुदाय ने यहां बंद बुलाया था। इस आंदोलन में दलित समुदाय के नेता व भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर और दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी दिखाई दिए।
गौतम ने कहा कि उनकी लड़ाई समुदाय के साथ हुए अन्याय के खिलाफ है न कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ।गौतम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं यहां समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में हूं और दिल्ली के मंत्री या राजनेता के रूप में नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार को जवाब देना चाहिए कि देश भर में केवल दलित समुदाय के मंदिरों और बीआर अंबेडकर की मूर्तियों को क्यों ध्वस्त किया जा रहा है?
गौरतलब है कि दिल्ली के तुगलकाबाद के जहांपनाह जंगल में स्थित संत रविदास के मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 10 अगस्त को तोड़ दिया था। दिल्ली समेत आस-पास के दलित समुदाय के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इससे पहले 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने जंगल में स्थित इस स्थान को खाली न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।
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