फिर बदला दलाई लामा का Thank You India कार्यक्रम, समारोह का लोगो हुआ लांच
शिमला। दलाई लामा के थैंक यू इंडिया कार्यक्रम में एक बार फिर बदलाव हुआ है। अब यह कार्यक्रम 31 मार्च को धर्मशाला के पास प्रमुख बौद्ध मंदिर के प्रांगण में होगा, जिसमें तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा इस समारोह में शिरकत करेंगे। थैंक यू इंडिया कार्यक्रम का लोगो आज निर्वासित तिब्बत प्रशासन ने जारी कर दिया है, साथ ही आधिकारिक तौर पर समारोह की पुष्टि भी हो गई है। निर्वासित सरकार के सूचना एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों के सचिव सोनम नोरबू दागपो ने बताया कि समारोह 31 मार्च को धर्मशाला में शुरू होगा, जो साल भर चलेगा। लेकिन, शरणार्थी के तौर पर दलाई लामा के भारत आगमन के साठ साल पूरे होने पर भारत के प्रति आभार व्यक्त करने के लिये प्रस्तावित बहुप्रचारित थैंक यू इंडिया कार्यक्रम की चमक अब फीकी पड़ गई है।
दो बार बदल चुका है कार्यक्रम
बता दें कि यह कार्यक्रम पहले दिल्ली में आयोजित किया जाना था, लेकिन बाद में भारत सरकार के दबाव के चलते इसे धर्मशाला शिफ्ट किया गया। इस कार्यक्रम को धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में आयोजित किये जाने की तैयारी थी, लेकिन अब वहां से इसे बदल दिया गया है। लिहाजा धर्मशाला में भी यह कार्यक्रम उस तरीके से नहीं हो पायेगा, जितनी पहले तैयारियां की जा रही थीं। यही वजह है कि अब इसमें न तो भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी शामिल होंगे, न ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह दिखेंगे। जिससे समारोह की चमक फीकी पड़ गई है। दरअसल, डोकलाम विवाद के बाद चीन के साथ उभरे तनावपूर्ण संबन्धों के चलते थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम में भारतीय नेताओं ने सरकार की एडवाईजरी के बाद दिलचस्पी लेनी छोड़ दी है। जिसमें तिब्बती कार्यक्रमों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
इसी माह पीएम जाएंगे चीन
जहां
एक
और
तिब्बत
सरकार
हिंदुस्तान
का
धन्यवाद
करने
के
लिए
थैंक
यू
इंडिया
कार्यक्रम
का
आयोजन
कर
रही
है,
तो
वहीं
भारत
सरकार
ने
उनके
इस
आयोजन
को
तरजीह
तो
दी
है,
लेकिन
कार्यक्रम
स्थल
का
स्थानांतरण
करवाकर
आयोजन
में
खटास
भी
भर
दी
है।
दरअसल,
तिब्बत
सरकार
इस
आयोजन
को
31
मार्च
को
देश
की
राजधानी
दिल्ली
में
करवाना
चाहती
थी,
लेकिन
माना
जा
रहा
है
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
के
जून
माह
में
चीन
के
दौरे
को
देखते
हुए
सरकार
ने
इस
आयोजन
से
न
केवल
किनारा
कर
लिया
है,
बल्कि
अपनी
राज्य
सरकारों
और
वरिष्ठ
मंत्रियों
को
इस
आयोजन
में
शरीक
न
होने
की
भी
हिदायत
दी
है।
नेहरू ने तिब्बती धर्मगुरु को दी थीं शरण
तिब्बत सरकार को साल 1959 में जब चीन की और से निर्वासित किया गया तो तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा और उनके अनुयायिओं को एशिया में कहीं शरण नहीं मिली, लेकिन जब उन्होंने भारत से मदद की गुहार लगाई तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तिब्बत सरकार को भारत में न केवल शरण दी, बल्कि देवभूमि हिमाचल की पर्यटन और धार्मिक नगरी धर्मशाला के मैकलोडगंज में बाकायदा रहने के लिए और खुद की सरकार चलाने के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया करवाईं। जिनकी उन्हें सख्त जरूरत थी। एक शरणार्थी के तौर पर दलाई लामा ने 31 मार्च 1959 को भारत में प्रवेश किया था और अप्रैल 1960 में धर्मशाला आकर बस गये थे।