दिहाड़ी मजदूर ने की ये बड़ी गलती, आयकर विभाग ने थमाया 1.47 करोड़ ट्रांजेक्शन का नोटिस
नबरंगपुर। हर किसी को अपनी निजी जानकारी देना कितना खतरनाक हो सकता है, ये ओडिशा के एक मजदूर से बेहतर शायद ही कोई जानता हो। यहां दिहाड़ी मजदूरी करने वाले संधारा को आयकर विभाग का एक नोटिस मिला है। जिसमें 2.59 लाख रुपये टैक्स चुकाने को कहा गया है। आयकर विभाग ने कहा कि संधारा ने वित्त वर्ष 2013-14 में 1.47 करोड़ रुपये बैंक में जमा किए थे और उसके एवज में उन्हें 2.59 लाख रुपये टैक्स चुकाना होगा।
बैंक की भी जानकारी है नेटिस में
नोटिस में बकायदा बैंक की भी जानकारी है। इसमें लिखा है कि संधारा ने वर्ष 2013-14 में 1.47 करोड़ रुपये उमरकोट स्थित आईसीआईसीआई बैंक में जमा कराए थे। बता दें संधारा उमरकोट पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले पुजारीभरांडी में रहते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि नोटिस में लिखा है कि लेनदेन मौसमी सामानों के थोक व्यापार के लिए हुआ है। संधारा को नोटिस मिलते ही झटका इसलिए लगा क्योंकि वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं और किसी तरह के व्यापार से उनका कोई लेना देना नहीं है।
दो साल पहले भी मिला था नोटिस
नोटिस मिलने से परेशान संधारा का कहना है कि इसके पीछे वो शख्स जिम्मेदार हो सकता है जिसके पास उन्होंने काम किया था। ये शख्स संधारा के ही गांव का रहने वाले है और एक ब्लैंक पेपर पर उनके हस्ताक्षर ले चुका है। संधारा का कहना है कि उन्हें दो साल पहले भी ऐसा ही नोटिस मिला था, जिसे उन्होंने अपने गांव के दोस्तों को दिखाया। संधारा को नहीं पता कि वो कैसे इस परेशानी से बचें।
संधारा के नाम पर अवैध लेनदेन हुआ
संधारा ने बताया, मुझसे आधार कार्ड और वोटर कार्ड की कॉपी भी ली गई थी। मुझे लग रहा है कि उसी ने मेरे नाम से अवैध लेनदेन किया है। उन्होंने कहा, 'मैं तब उमरकोट में मजदूर के तौर पर काम कर रहा था। एक व्यापारी जिसे मैं जानता हूं, उसने मेरे आधार और वोटर कार्ड की कॉपी ली थी। मुझे संदेह है कि उसने मेरे नाम से बैंक अकाउंट खुलवाया होगा और पैसे जमा किए होंगे।' मामले पर आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि जिसके नाम से बैंक खाता है, उसे नोटिस भेजा गया है। उस खाते को कौन संचालित करता है, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है।
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