DAC ने दी 3000 करोड़ की खरीद को मंजूरी, रूस से खरीदी जाएगी ब्रह्मोस मिसाइल
नई दिल्ली। रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 3000 करोड़ की रक्षा खरीद को मंजूरी दे दी है। इस खरीद में रूस और भारत के ज्वॉइन्ट वेंचर से तैयार हो रही ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद की मंजूरी भी शामिल है। ब्रह्मोस मिसाइल को दो भारतीय जहाजों के लिए खरीदा जाएगा। ये मिसाइलें रूस में तैयार होंगी। वहीं डीआरडीओ की ओर से डिजाइन और डेवलप्ड रिकवरी व्हीकल को भी मंजूरी दी गई है। इन व्हीकल्स का प्रयोग सेना के एमबीटी अर्जुन टैंक्स के लिए होगा।
रूस पर लगे हैं प्रतिबंध
रूस के साथ मिसाइलों की डील को ऐसे समय पर अंजाम दिया गया है जब अमेरिका ने इस देश से होने वाली हथियारों की डील पर बैन लगा दिया है। सूत्रों की मानें तो इन ब्रह्मोस मिसाइलों को दो एडमिरल ग्रिगोरोविच क्लास की फिग्रेट्स पर फिट किया जाएगा। इन दोनों ही फ्रिगेट्स को गोवा स्थित गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में तैयार किया जाएगा। भारत और रूस की ओर से मिलकर विकसित हो रहे ब्रह्मोस रॉकेट सिस्टम को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मिसाइल सिस्टम माना जाता है।ब्रह्मोस की स्पीड 2.8 मैक (ध्वनि की रफ्तार के बराबर) है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और ये 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है। हालांकि अब चीन ब्रह्मोस को टक्कर देने के लिए एचडी-1 नामक मिसाइल को डेवलप कर रहा है जो पाकिस्तान को बेची जाएगी।