Cyclone Burevi : केरल-तमिलनाडु में Red Alert, मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया, जानिए हर अपडेट
Cyclone Burevi: चक्रवात 'निवार' के नुकसान से अभी तमिलनाडु (Tamil Nadu) और पुडुचेरी (Puduchery) उबर भी नही पाए हैं कि एक और साइक्लोन 'बुरेवी' की आहट ने प्रशासन और लोगों, दोनों की पेशानी पर बल डाल दिया है। आईएमडी ने अपने ताजा अपडेट में 'बुरेवी' के बारे में अलर्ट करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बना दबाव कुछ ही घंटों में खतरनाक 'चक्रवात' का रूप धारण कर सकता है, जिसके आज शाम या रात को त्रिंकोमाली के निकट श्रीलंका तट से गुजरने का अनुमान है और इस दौरान 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी और भारी बारिश होने की आशंका है।
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इसलिए मौसम विभाग ने दक्षिण-उत्तर तमिलनाडु, पुदुचेरी, कराईकल, दक्षिण-उत्तर केरल, माहे, दक्षिण तटीय आंध्र और लक्षद्वीप में भारी से भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। केरल के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा और अलप्पुझा जिले में Red Alert जारी किया गया है तो वहीं कोट्टायम, एर्नाकुलम और इडुक्की जिले में Orange Alert जारी है जबकि बाकी राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
साथ ही मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले तीन दिनों तक समुंद्र में जाने से मना किया गया है। कन्याकुमारी प्रशासन ने अपील की है कि जो मछुआरे अपनी नाव लेकर समुद्र तट पर मछलियां पकड़ने गए हैं वो भी जल्दी ही वापस आ जाएं। आईएमडी ने कहा है कि ये तूफान 3 दिसंबर की सुबह मन्नार की खाड़ी और निकटवर्ती कोमोरिन इलाके में पहुंच सकता है और इसके बाद यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर की सुबह कन्याकुमारी और पम्बन के बीच दक्षिण तमिलनाडु के तट से गुजरेगा, अभी ये कन्याकुमारी से 930 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
अधिकारियों के मुताबिक यह तूफान श्रीलंका की तरफ से आ रहा है इसलिए वहां भी अलर्ट जारी है, IMD ने कहा है कि जिस वक्त ये तूफान भारत के तट से टकराएगा, उस वक्त भीषण हवाएं चलेंगी। आईएमडी ने 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे, लक्षद्वीप, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण रायलसीमा पर भारी बारिश होने की आशंका जताई है इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे 'चक्रवात' कहते हैं।
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