Cyclone Amphan:1999 के बाद पहली बार आ रहा इतना प्रचंड तूफान, जानें कितना उस वक्त नुकसान हुआ था, कितनी जानें गई थी
Cyclone Amphan:1999 के बाद पहली बार आ रहा इतना प्रचंड तूफान, जानें कितना उस वक्त नुकसान हुआ था, कितनी जानें गई थी
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने 'अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान' का रूप ले लिया है, सुपर साइक्लोन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है ओडिशा और तटीय पश्चिम बंगाल के भागों में हवाएं उग्र होती जा रही हैं, फिलहाल ओडिशा और बंगाल में रेडअलर्ट जारी है, तो वहीं इसका असर देश के कई राज्यों में पड़ सकता है इसलिए विभाग ने आज से लेकर अगले तीन दिनों तक देश के कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। मालूम हो कि वर्ष 1999 के बाद पहली बार इतने भयानक तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। चक्रवाती तूफान अम्फान' को लेकर उड़ीसा और उसके आस-पास के राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इस बार का तूफान 1999 से भी भीषण और प्रचंण हो सकता हैं। आइए जानते हैं कि 1999 में जब वो चक्रवात तूफान आया था उससे कितना उस वक्त नुकसान हुआ था, कितनी जानें गई थी ?
15 हजार लोगों ने गंवाई थी जान, लाखों की संख्या में मरे थे जानवर
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1999 में इसी क्षेत्र में भयावह तूफान आया था। ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन में उड़ीसा में 15 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इसके अलावा उस साइकलोन ने ओड़ीसा की पूरी अर्थव्यवस्था को बरबाद कर दिया था। ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से करीब 15 हजार लोग मारे गए थे। डिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से करीब 15 हजार लोग मारे गए थे और ४० लोग अब तक लापता है। तक़रीबन २५ लाख पालतू जानवर मारे गए, जिनमें से ४ लाख गायें थी।
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१६ लाख लोग बेघर हो गए थे
हजारों परिवारों को मजबूरन ओड़िशा के तटीय इलाकों से हटाया गया था। इनमें से कही को रेड क्रॉस चक्रवाती तूफ़ान बचाव क्षेत्रों में जगह दिया। यह तूफ़ान ने घनघोर बारिश बरसाया, जिसके कारण कही इलाकों में पानी भर गया। १७११० किलोमीटर के क्षेत्र के फसल बर्बाद हो गए। लगभग २७५००० घरों को क्षति पहुंची, जिसके कारण १६ लाख लोग बेघर हो गए।
एक दिन में ही शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान में विकसित हुआ था
वर्ष 1999 में एक उष्णकटिबंधीय अशांति दक्षिण चीन समुद्र में अक्टूबर के अंतिम दिनों में बना। पश्चिम की तरफ जाते हुए यह तूफ़ान अक्टूबर २५ को एक उष्णकटिबंधीय अवसाद में विकसित हुआ। अगले दिन गरम समुद्र पानी पर से गुज़रते हुए यह एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफ़ान बना। एक दिन के अन्दर यह तूफ़ान एक सामान्य चक्रवात से एक बेहद शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान में विकसित हुआ। ९१२ मिलिबार की केंद्रीय दबाव और २६० की.मी. प्रति घंटे की हवा गति के साथ ओड़ीसा के तट के ऊपर से गुज़रा। जमीन की प्रभाव के वजह से यह तूफ़ान शक्तिहीन होकर एक मामूली चक्रवाती तूफ़ान बन गया और जल्द ही नवम्बर ३ को भयंकर तबाही मचाने के बाद अपनी शक्ति खोकर समाप्त हो गया।
जानें इस तूफान का नाम 'अम्फान' क्यों पड़ा?
वर्तमान में मौसम विभाग ने जिस अम्फान के लिए अलर्ट जारी किया हैं वह चक्रवात दक्षिणी बंगाल की खाड़ी से लगे पश्चिम-मध्य और मध्य हिस्सों के ऊपर है जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 790 किलोमीटर दक्षिण, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 940 किलोमीटरदक्षिण-दक्षिणपश्चिम और खेपुपारा (बांग्लादेश) से 1060 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है, इस बार इस तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। अम्फान (Amphan) तूफान साल 2004 में तैयार की गई तूफान की लिस्ट का आखिरी नाम है, जिसे कि थाईलैंड ने फाइनल किया है, भारत में तूफानों का नाम देने का चलन 2004 से शुरू हुआ है, भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों को नाम देने का काम करते हैं, इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार ही उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं।
ओडिशा और बंगाल में रेडअलर्ट जारी किया हैं
ओडिशा और तटीय पश्चिम बंगाल के भागों में हवाएं उग्र होती जा रही हैं, फिलहाल ओडिशा और बंगाल में रेडअलर्ट जारी है, तो वहीं इसका असर देश के कई राज्यों में पड़ सकता है इसलिए विभाग ने आज से लेकर अगले तीन दिनों तक देश के कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।इन राज्यों में बारिश की आशंका तो वहीं स्काईमेट के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा , पश्चिम बंगाल, केरल और तटीय कर्नाटक में बारिश होने की आशंका है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य महाराष्ट्र, आंतरिक ओडिशा, पूर्वी झारखंड और पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप दिखाई दे सकता है।
क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है, जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे 'चक्रवात' कहते हैं।
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