300 सीटों का फार्मूला, गठबंधन पर सिर्फ राहुल लेंगे फैसला, पढ़ें CWC की 4 अहम बातें
नई दिल्ली। पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद रविवार को पहली बार राहुल गांधी ने नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की पहली बैठक बुलाई। 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों से लेकर पार्टी में अनुशासन तक कई अहम मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा की गई। वर्किंग कमेटी बैठक में यूं तो काफी बातें हुईं, लेकिन सबसे अहम 4बातें रहीं। पहली- 2019 की रणनीति क्या हो? दूसरी- राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को सख्त हिदायत दी। तीसरी- मोदी को घेरने विपक्ष को कैसे घेरा जाए। चौथी सबसे महत्वपूर्ण बात जो वर्किंग कमेटी से निकलकर आई वह है- कैसे राहुल गांधी को राष्ट्रीय नेता के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
पहली अहम बात- कांग्रेस वर्किंग कमेटी से जो सबसे महत्वपूर्ण बात निकलकर आई वह है गठबंधन को अचूक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना। इसका मतलब स्पष्ट है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यह मान चुका है कि अकेले मोदी से मुकाबला करना मुमकिन नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सुझाव दिया कि पार्टी उन्हीं राज्यों में ताकत ज्यादा लगाए जहां पर वह मजबूत है। उन्होंने ऐसे 12 राज्यों के नाम गिनाए। इन 12 राज्यों में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य चिदंबरम ने रखा, जो कि मौजूदा संख्या के हिसाब से तीन गुना जरूर है, लेकिन कांग्रेस के लिए इसे हासिल करना उतना मुश्किल भी नहीं है। चिदंबरम ने 300 सीटों का फार्मूला वर्किंग कमेटी के सामने रखा, जिसमें 150 सीटें कांग्रेस जीते और बाकी 150 सीटें उसके सहयोगी।
दूसरी अहम बात- कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राहुल गांधी ने सख्ती भरे लहजे में पार्टी नेताओं को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि वह बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और बेकार बयानबाजी से इसे किसी ने कमजोर किया तो वह एक्शन लेने में कोताही नहीं बरतने वाले हैं।
तीसरी अहम बात- विपक्ष को किस प्रकार से घेरा जाए? इस बारे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए कोई विशेष रणनीति का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन जिस प्रकार से मनमोहन सिंह पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है, उससे स्पष्ट है कि अब केवल राहुल गांधी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी मोदी सरकार पर आक्रामक रुख के साथ हमलावर होंगे। मनमोहन सिंह ने रविवार को वर्किंग कमेटी की बैठक में कहा कि जुमले गढ़ने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के मोदी सरकार के वादे पर फैक्ट्स के जरिए तंज कसा। उन्होंने कहा कि आय दोगुनी करने के लिए 14 फीसदी कृषि विकास दर चाहिए, जबकि अभी हम दो फीसदी के आसपास का अनुमान लगा रहे हैं।
चौथी अहम बात- राहुल गांधी को राष्ट्रीय नेता के तौर पर पेश किया जाए। वर्किंग कमेटी के कई सदस्यों ने इस बात को स्पष्ट कहा कि गठबंधन तभी हो, जब राहुल गांधी का चेहरा केंद्र में हो। इसके साथ ही 2019 कैंपेन कमेटी और गठबंधन पर अंतिम निर्णय का अधिकार भी वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को दे दिया। मतलब राहुल गांधी के हाथ और मजबूत करके पार्टी ने सहयोगी दलों को संदेश दे दिया है कि अब जो भी कांग्रेस के साथ गठजोड़ करेगा, उसे राहुल गांधी को स्वीकार करना होगा, क्योंकि गठबंधन का चेहरा सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष ही होंगे।