सर्वे: NDA नहीं छू पाएगा बहुमत का आंकड़ा, इन 3 दलों की बढ़ेगी 'ब्रांड वैल्यू'
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही लोकतंत्र के इस महापर्व की चुनावी रणभेरी बज चुकी है। सात चरणों में होने वाले चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनाव के बाद देश में किसकी सरकार बनेगी, इसको लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं। इन दावों के बीच सीवोटर-आईएएनएस का एक सर्वे सामने आया है। इस सर्वे में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। दूसरी तरफ, यूपीए भी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर दिखाई दे रही है। इस सर्वे के मुताबिक, क्षेत्रीय दलों की लोकसभा चुनाव में बड़ी भूमिका हो सकती है।
एनडीए को 264 सीटें मिलने का अनुमान
सीवोटर-आईएएनएस के सर्वे के मुताबिक एनडीए को 264 सीटें मिलने का अनुमान है, इस तरह एनडीए बहुमत के आंकड़े से 8 सीटें दूर सकती है। दूसरी तरफ, इस सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनाव में यूपीए को 141 सीटें मिल सकती हैं। एनडीए-यूपीए को बहुमत ना मिलने की स्थिति में सरकार के गठन के लिहाज से क्षेत्रीय दलों की भूमिका काफी अहम हो सकती है।
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तेलंगाना में टीआरएस की चल सकती है आंधी
इन क्षेत्रीय में तेलंगाना की सत्तारूढ़ टीआरएस, ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस की भूमिका अहम हो सकती है। बता दें कि चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे। इस सर्वे के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को 34 सीटें मिल सकती हैं। जबकि आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को 14 सीटें मिलने का अनुमान है और वाईएसआर कांग्रेस 11 सीटों पर जीत मिल सकती है।
बीजेडी को 9 तो वाईएसआर कांग्रेस को 11 सीटें मिल सकती हैं
सीवोटर-आईएएनएस के सर्वे के मुताबिक, तेलंगाना में केसीआर के नेतत्व वाली टीआरएस विपक्षी दलों पर भारी पड़ सकती है और राज्य की 17 में से 16 सीटों पर अपना कब्जा जमा सकती है। ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी को 9 सीटें मिल सकती हैं। इस तरह से टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी तीनों मिलकर 36 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। फिलहाल ये तीनों दल भाजपा के नेतत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतत्व वाले यूपीए से दूरी बनाए हुए हैं।
स्पष्ट बहुमत ना मिलने पर तीनों दलों की बढ़ जाएगी वैल्यू
स्पष्ट बहुमत ना मिलने की स्थिति में इन तीनों दलों की भूमिका खास हो सकती है। गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों के अनौपचारिक तीसरे मोर्चे की भूमिका इस चुनाव में काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, एनडीए में शामिल जदयू-लोजपा को बिहार में 20 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना को 14 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया है। इस सर्वे के मुताबिक, एनडीए को 264 सीटें मिल सकती हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से 8 कम है।