123 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में CVC
नई दिल्ली। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन तमाम अलग-अलग सरकारी संस्थानों के 123 कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। जिसमें आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं, जोकि सीबीआई, ईडी, आईटी सहित अन्य विभाग में तैनात हैं। ये वह सरकारी कर्मचारी हैं जिनके उपर चार महीने से अधिक समय से भ्रष्टाचार में लिप्तता के आरोप हैं। इन 123 लोगों में से 45 कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा संचालित बैंकों के लोग हैं। नियमों के अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में चार महीने के भीतर सजा तय करनी होती है।
आरोप
तय
होना
बाकी
वहीं
57
मामले
ऐसे
हैं
जिनके
खिलाफ
आरोप
तय
होने
हैं
और
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
होनी
है।
ये
लोग
अलग-अलग
सरकारी
संस्थानों
में
कार्यरत
हैं।
सबसे
अधिक
मामले
मिनिस्ट्री
ऑफ
पर्नसल
में
लंबित
हैं,
यहां
कुल
8
मामले
लंबित
हैं।
इसके
अलावा
रेलवे
और
उत्तर
प्रदेश
सरकार
के
विभागों
के
कर्मचारी
भी
भ्रष्टाचार
के
मामलों
में
लिप्त
हैं।
सीबीआई
के
एएसपी,
ईडी
के
असिस्टैंट
डायरेक्टर,
आयकर
विभाग
के
अधिकारी
के
खिलाप
अलग
से
मामला
चल
रहा
है
और
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
लंबित
है।
कई
बैंक
कर्मचारियों
पर
भ्रष्टाचार
के
आरोप
कुल
15
मामले
ऐसे
हैं
जिसमे
45
कर्मचारियों
पर
भ्रष्टाचार
के
आरोप
हैं,
ये
मामले
स्टेट
बैंक
ऑफ
इंडिया,
कॉर्पोरेशन
बैंक,
बैंक
ऑफ
महाराष्ट्र,
पंजाब
नेशनल
बैंक,
इलाहाबाद
बैंक
सिंडिकेट
बैंक,
ओरिएंटल
बैंक
ऑफ
कॉमर्स
के
कर्मचारियों
के
खिलाफ
हैं।
सात
मामलों
में
16
अधिकारी
डीओपीटी,
कॉर्पोरेशन
बैंक,
स्टेट
बैंक
ऑफ
इंडिया,
पीएनबी,
बैंक
ऑफ
बड़ौदा
और
सिंडीकेट
बैंक
के
हैं
जिनके
खिलाफ
कार्रवाई
पर
अभी
फैसला
लिया
जाना
बाकी
है।
यूनियन
टेरेटरीज
के
भी
मामले
लंबित
यूनियन
टेरेटरीज
में
भी
दो
ऐसे
मामले
लंबित
हैं
जिनके
खिलाफ
भ्रष्टाचार
के
मामले
हैं।
ये
राजस्व
विभाग,
रक्षा
मंत्रालय,
खाद्य
मंत्रालय
और
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
अधिकारी
हैं।
इसके
अलावा
छत्तीसगढ़,
जम्मू
कश्मीर,
आंध्र
प्रदेश,
हिमाचल
प्रदेश,
महाराष्ट्र,
तमिलनाडु
के
भी
एक-एक
अधिकारी
के
खिलाफ
भी
भ्रष्टाचार
का
मामला
है।
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