आधार से पकडे जाएंगे भ्रष्ट नौकरशाह, CVC ने बनाई रणनीति
नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) आधार के जरिए गैर-कानूनी कमाई का पता लगाकर भ्रष्ट अधिकारियों की नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। सीवीसी ने रविवार को कहा कि विभिन्न प्रकार के वित्तीय लेन-देन और संपत्ति सौदों के लिए आधार अनिवार्य है। ऐसे में इसका इस्तेमाल भ्रष्ट अधिकारियों की अवैध कमाई का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। सीवीसी को उम्मीद है कि किसी व्यक्ति के पैन नंबर और आधार कार्ड के जरिये यह जानने में मदद मिल सकती है कि वित्तीय लेन-देन उसकी आमदनी के दायरे में है या नहीं।
ऐसे
पकडे
जाएंगे
भ्रष्ट
अधिकारी
केंद्रीय
सतर्कता
आयुक्त
केवी
चौधरी
ने
कहा
कि
हमने
कान्सेप्ट
पेपर
तैयार
किया
है।
इसके
आधार
पर
संभव
हो
सके
तो
सॉफ्टवेयर
तैयार
करने
का
हमारा
इरादा
है।
इससे
अगर
हम
किसी
व्यक्ति
की
जांच
का
फैसला
करते
हैं,
तो
अन्य
विभागों
के
साथ
बिना
किसी
अड़चन
के
संपर्क
कर
सकेंगे
और
आधार
नंबर
का
इस्तेमाल
कर
आवश्यक
जानकारी
जुटा
सकेंगे।
आधार को कुछ वित्तीय लेन-देन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है
चौधरी ने कहा कि अचल संपत्तियों और शेयरों से संबंधित आर्थिक लेन-देने के आंकड़े आयकर विभाग, रजिस्ट्रेशन विभाग या वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) और अन्य सरकारी एजेंसियों के पास उपलब्ध हैं। आधार को कुछ वित्तीय लेन-देन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में सीवीसी कुछ केंद्रीय एजेंसियों से आंकड़े जुटा सकता है। चौधरी ने कहा कि आधार को कुछ वित्तीय लेनदेन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है, ऐसे में सीवीसी कुछ केंद्रीयकृत एजेंसियों से आंकड़े जुटाने की स्थिति में है। इन सूचनाओं के जरिये यह पता लगाया जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति ने कोई लेनदेन किस उद्देश्य से किया है।
'टेक्नोलॉजी
का
इस्तेमाल
किया
जाएगा'
इन
सूचनाओं
के
जरिये
यह
पता
लगाया
जा
सकता
है
कि
संबंधित
व्यक्ति
ने
कोई
लेन-देन
किस
उद्देश्य
से
किया
है।
साथ
ही
इससे
आय
से
अधिक
संपत्ति
का
भी
पता
लगाया
जा
सकता
है।
भ्रष्टाचार
समाप्त
करने
की
प्रतिबद्धता
जताते
हुए
उन्होंने
कहा
कि
पीएनबी
घोटाले
में
व्यक्तियों
की
भूमिका
जैसे
मानवीय
पहलुओं
को
देखने
के
बाद
जांच
में
टेक्नोलॉजी
का
इस्तेमाल
जरूरी
है।