आलोक वर्मा ने पटनायक से कहा था, राकेश अस्थाना की पैरोकारी करने के लिए मेरे घर आए थे CVC
नई दिल्ली। हाल ही अपने पद से हटाए गए CBI के निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने जांच का पर्यवेक्षण कर रहे सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक को बताया है कि, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) केवी चौधरी 6 अक्टूबर को उनके आवास पर सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के लिए पैरोकारी करने के लिए आए थे। बता दें कि, एके पटनायक केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा की जा रही जांच का पर्यवेक्षण कर रहे हैं।
सीवीसी कई इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्मा को हटाया गया
यह 17 दिन पहले हुआ जब आलोक वर्मा को 23-34 अक्टूबर की आधी रात एक आदेश के जरिए छुट्टी पर भेज दिया गया। वर्मा ने एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बारे में बताते हुए कहा कि चौधरी ने वर्मा द्वारा हस्ताक्षरित अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के बारे में चिंता व्यक्त की। वर्मा द्वारा सम्मिट की गई रिपोर्ट में चौधरी और उनके दो साथी आयुक्त, टीएम भसीन और शरद कुमार का जिक्र किया गया। मगर इसमें सीवीसी द्वारा 12 नंवबर को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई 53 पन्नों की रिपोर्ट का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
उन्होंने अस्थाना की एप्रेजल रिपोर्ट पर वर्मा की टिप्पणी के संबंध में बातचीत की
इसी रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को दूसरी बार सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का आधार बनाया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आलोक वर्मा ने जस्टिस पटनायक को बताया कि 6 अक्टूबर को शनिवार के दिन चौधरी उनके आवास पर आए। उन्होंने अस्थाना की एप्रेजल रिपोर्ट पर वर्मा की टिप्पणी के संबंध में बातचीत की। इस रिपोर्ट में उन्हीं के साइन थे, जो उन्होंने जुलाई, 2018 में किए।
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एक घंटे से अधिक समय तक रुके सीवीसी
आलोक वर्मा ने अपनी रिपोर्ट में एके पटनायक को को बताया कि, शायद कोई विशेष कारण रहा होगा जब चीफ विजिलेंस कमिश्नर, सुपरिटेंडेंट के बजाय पैरोकारी के लिए एक सहयोगी के साथ मेरे आधिकारिक निवास पर आए। 6 अक्टूबर, 2018 को सुबह 11-11:30 के बीच वह एक घंटे से भी अधिक समय तक मेरे निवास पर थे। उन्होंने कहा, मैं यहां खुद से इसलिए आया हूं कि इस मुद्दे पर क्या हल निकाला जा सकता है। वर्मा ने कहा कि, मेरी प्रतिक्रिया उनके साथ भी वैसी ही थी जैसा कि मेरे बैच मेट और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार सहित सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थी।
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