राम मंदिर के निर्माण की सांस्कृतिक जिम्मेदारी सरकार की, यह केवल धार्मिक मामला नहीं: RSS
नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। पांच अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचेंगे और राम मंदिर के नींव की पहली ईंट स्थापित करेंगे। इस बीच पीएम मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सासंद असदुद्दीन ओवैसी के बयान के जवाब में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संयुक्त जनरल सचिव दत्तात्रेय होसाबले का बयान सामने आया है।
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दत्तात्रेय होसाबले ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को केवल धार्मिक मामला न बता कर भारत की संस्कृति से जुड़ा मामला बताया है। उन्होंने कई राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा, जो मंदिर निर्माण का विरोध करते हैं, वो इसके लिए अक्सर धर्मनिरपेक्षता के बहाने का सहारा लेते हैं लेकिन इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। होसाबले ने आगे कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते, सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राम मंदिर के निर्माण की सांस्कृतिक जिम्मेदारी भी है।
It's just not a legal connection or administrative relation, which the govt has with the Ram temple. But being people's representative, govt also has cultural responsibility of getting the Ram temple constructed as per SC's order: Dattatreya Hosabale, Joint Gen. Secretary, RSS pic.twitter.com/DSw1ZJcdFd
— ANI (@ANI) July 31, 2020
असदुद्दीन
ओवैसी
ने
क्या
कहा
था?
सदियों
चले
विवाद
के
बाद
सुप्रीम
कोर्ट
ने
आखिरकार
अयोध्या
में
राम
मंदिर
का
झगड़ा
सुलझा
दिया,
लेकिन
इसको
लेकर
अब
नए
सिरे
से
राजनीति
शुरू
हो
चुकी
है।
दरअसल,
एआईएमआईएम
के
नेता
असदुद्दीन
ओवैसी
को
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
शिलान्यास
और
भूमि
पूजन
कार्यक्रम
में
जाने
को
लेकर
सख्त
आपत्ति
है।
ओवैसी
की
दलील
है
कि
संवैधानिक
पद
पर
रहते
हुए
पीएम
मोदी
इस
कार्यक्रम
में
नहीं
जा
सकते।
मालूम
हो
कि
यह
कार्यक्रम
5
अगस्त
को
आयोजित
किया
गया
है,
जिसमें
प्रधानमंत्री
के
मौजूद
रहने
की
पूरी
संभावनाएं
हैं।
उनके
अलावा
भी
केंद्र
सरकार
के
बड़े
मंत्रियों
और
भाजपा-संघ
के
बड़े
नेताओं
के
भी
वहां
उपस्थित
रहने
की
उम्मीद
है।
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