CSIR-CMERI दुर्गापुर ने लॉन्च किया स्वदेशी रूप से विकसित मोटर वेंटिलेटर, कोरोना के इलाज में मिलेगी मदद
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या 2,07,615 हो गई है। वहीं, महामारी से अब तक देश में कुल 5,815 लोगों की मौत हुई है। इसी बीच महामारी के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में स्थित केंद्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR-CMERI) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। संस्थान ने स्वदेशी रूप से विकसित मैकेनिकल वेंटिलेटर का अनावरण किया है जो कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने में कारगर साबित हो सकता है।
बुधवार को सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ. हरीश हिरानी और हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. अरुणांशु गांगुली की उपस्थिति में मैकेनिकल वेंटिलेटर का अनावरण किया गया। बता दें कि मोटर से चलने वाला ये वेंटिलेटर एक मेडिकल इंटरवेंशन डिवाइस है जो सहायक ऑक्सीजन की आपूर्ति के रूप में काम करता है। यह उस समय फेफड़े में ऑक्सीजन को पंप करता है जब असामान्यता या संक्रमण के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मैकेनिकल वेंटिलेटर से दबाव वाले ऑक्सीजन को कोरोना मरीजों के फेफड़ों में पंप किया जाता है। इसके साथ ही असामान्य परिस्थितियों में मानव शरीर के ऑक्सीजन संतृप्ति को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल दिया जाता है। डॉ.अरंगांशु गांगुली ने कहा, सीएसआईआर-सीएमईआरआई और क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट्स ऑफ हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल्स के समन्वय में आज मैकेनिकल वेंटिलेटर को विकसित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि CSIR-CMERI स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ मिलकर काम करने से देश की वेंटिलेटर विकास क्षमता में क्रांति आ सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि यह देश के मेडिकल केयर मैन्युफैक्चरिंग लैंडस्केप को मजबूत करने में भी मददगार साबित होगा। वेंटिलेटर के अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग उद्योगों द्वारा स्वतंत्र रूप से विकसित किया जा सकता है, इस वेंटिलेटर के बड़े पैमाने पर विकास से उद्योगों के व्यापक स्पेक्ट्रम को मदद मिलेगी। वेंटिलेटर्स की महत्वपूर्ण रूप से कम लागत से समाज के आर्थिक रूप से हाशिए वाले वर्गों को मदद मिलेगी और साथ ही साथ सरकारी सहायता प्राप्त हेल्थकेयर योजनाओं को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
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