CSE रिपोर्ट: देश के 13 ब्रॉन्ड में से 11 के शहद शुद्धता जांच में फेल, मिला रहे सुगर सिरप
नई दिल्ली: कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने पर सभी जोर दे रहे हैं। इसके लिए कई लोग शहद का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये शहद फायदा पहुंचाने की बजाए आपके शरीर पर नाकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है, क्योंकि कई कंपनियां उसमें मिलावट कर रही हैं। जिसको लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पाया गया कि 77 प्रतिशत कंपनियां का शहद एकदम शुद्ध नहीं है। उसमें चीनी समेत कई चीजों की मिलावट की जा रही है।
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13 सैंपल की हुई थी जांच
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने 13 कंपनियों का सैंपल लिया था। जिमसें डाबर, पतंजलि समेत कई ब्रॉन्ड शामिल थे। जर्मनी में हुई इस जांच में 11 कंपनियों के शहद शुद्धता जांच में फेल हो गए। वहीं सफोला (Saffola), मार्कफेड सोहना (Markfed Sohna) और Nature's Nectar के शहद सभी जांच में सही पाए गए। इस रिपोर्ट को न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (NMR)जांच के आधार पर तैयार किया गया है। भारतीय कानून के तहत स्थानीय स्तर पर बिकने वाले शहद के लिए एनएमआर जांच की जरूरत नहीं होती, लेकिन जो शहद विदेशों से आते हैं, उसके लिए ये जांच जरूरी है।
चीनी सुगर सिरप की मिलावट
सीएसई के फूड सेफ्टी एंड टॉक्सिन टीम के कार्यक्रम निदेशक अमित खुराना के मुताबिक कंपनियां शहद में सुगर सिरप मिला देती हैं। ये सिरप इस तरह से बनाया जाता है कि जांच में पकड़ा ना जाए। इस वजह से जब भारत में इसका परीक्षण होता है, तो वो आसानी से उसमें पास हो जाते हैं। वहीं जब भारतीय ब्रॉन्ड की NMR जांच करवाई गई तो ज्यादातर कंपनियों के सैंपल फेल हो गए। सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि हम महामारी में खुद को स्वस्थ रखने के लिए शहद का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मिलावटी शहद हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। सुनीता नारायण के मुताबिक उनकी संस्था ने चीनी कंपनियों के खिलाफ एक गुप्त ऑपरेशन किया था। जिसमें उन्होंने स्वीकारा कि अगर उनके सिरप की मिलावट शहद में 50-80 प्रतिशत तक की जाए, तब भी वो शुद्धता जांच में पास हो जाएंगे।
डाबर और पतंजलि ने दी सफाई
पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डारेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने इस रिपोर्ट के आने के बाद सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट प्रोडक्ट को बदनाम करने की साजिश है। उनकी कंपनी कैपिटल और मशीनरी की मदद से 100 प्रतिशत शुद्ध शहद अपने ग्राहकों को दे रही है, जो Fssai के मानकों पर खरे हैं। वहीं डाबर ने कहा कि ये रिपोर्ट ब्रॉन्ड की छवि खराब करने वाली है। उनकी कंपनी शुद्ध शहद बेचती है, जो भारत में स्थापित सभी मानकों पर खरे हैं।
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