राखी के कार्यक्रम में CRPF की वर्दी में छात्राओं से छेड़छाड़, पुलिस ने शुरू की जांच
दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया, उच्च स्तरीय जांच का आदेश
नई दिल्ली। सीआरपीएफ जवानों के एक ट्रूप पर स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप की छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जवानों के ट्रूप पर आरोप है कि इन्होंने माओवादियों के प्रभावी क्षेत्र दंतेवाड़ा में सरकारी हॉस्टल में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में छेड़छाड़ की है।
वॉर्डन ने की शिकायत
सीआरपीएफ ट्रूप के खिलाफ यह जांच तब शुरू हुई जब हॉस्टल के वार्डन ने पुलिस से इसकी शिकायत की। यह घटना दंतेवाड़ा के पलनार में हुई है, जोकि दंतेवाड़ा के हेडक्वार्टर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर है। दंतेवाड़ा के एएसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि हमें इस बाबत शिकायत वॉर्डेन की ओर से मिली है। शिकायत में कहा गया है कि सेना की वर्दी में कुछ अज्ञात लोगों ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की है, हम इसकी जांच कर रहे हैं।
कई धाराओं में दर्ज किया गया मामला
तमाम आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया है, यह शिकायत कुकोंडा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है, इस मामले में और भी धाराएं जिसमें आईपीसी 164 को शामिल किया जा सकता है, साथ ही पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जाएगी। पल्लव ने बताया कि मामला काफी गंभीर है, इसकी संगीन जांच कराई जाएगी, पीड़ियों के बयान लिए जाएंगे और उनकी पहचान की जाएगी।
फेसबुक पर आया मामला सामने
यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक्टविस्ट हिमांशु कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी, उहोंने अपनी पोस्ट में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बात कही। हिमांशु ने बताया कि 31 जुलाई को एक प्राइवेट न्यूज चैनल का रक्षाबंधन के मौके पर कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें सीआरपीएफ के जवान भी आमंत्रित थे, ताकि लड़कियां उन्हें भी राखी बांध सके। जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो कुछ लड़कियां शौचालय की गई, जहां सीआरपीएफ के जवानों ने उनके साथ शारीरिक शोषण किया।
छात्राओं की तलाशी के नाम पर छेड़खानी
जवानों ने छात्राओं की तलाशी के नाम पर उनसे छेड़खानी की, जिसके बाद वॉर्डन ने इस बाबत शिकायत की, फिर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। हिमांशु ने दावा किया है कि सीआरपीएफ पलनार में सीआरपीएफ कैंप है जोकि हॉस्टल से सिर्फ 100 मीटर दूर है, इससे पहले भी सीआरपीएफ के जवानों की कई शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं।
सरकार के प्रयासों को लगेगा धक्का
आदिवासी नेता सोनी सोरी ने भी घटना के बाद मौके का मुआयना किया, लेकिन वॉर्डन ने उन्हें हॉस्टल में नहीं आने दिया। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि बस्तर इलाके में पहले भी रेप सहित कई आरोप जवानों पर लग चुके हैं। छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को माओवाद से दूर रखने की कोशिश कर रही है, इसके लिए दूर दराज इलाकों में भी स्कूल खोले जा रहे हैं और उनके रहने के लिए हॉस्टल भी खोले जा रहे हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं सरकार के प्रयासों को भी धूमिल कर सकती हैं।
सीआरीपएफ ने भी जांच शुरू की
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद सीआरपीएफ के डीजी ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। सीआरपीएफ की ओर से भी चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जिसकी अगुवाई सीआपीएफ के डीआईजी आरके लाल कर रहे हैं। एके सिंह ने बताया कि हमने जिला प्रशासन ने कहा है कि इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इस मामले में दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।