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जाति और धर्म के आधार पर शहीदों के नाम गिनाने वाली द कैरवान मैगजीन को सीआरपीएफ ने लताड़ा

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नई दिल्‍ली। सीआरपीएफ ने हाल ही में द कैरवान मैंगजीन में आई एक रिपोर्ट को लताड़ा है जिसमें पुलवामा के शहीदों को उनकी जाति के आधार पर दर्शाने की कोशिश की गई थी। 14 फरवरी को जम्‍मू कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कॉन्‍वॉय पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। घाटी में यह दो दशकों में हुआ सबसे खतरनाक आतंकी हमला था। इस हमले के बाद कैरवान मैगजीन की ए‍क रिपोर्ट पिछले दिनों पब्लिश हुई। इस रिपोर्ट के मुताबिक हमले में शहीद होने वाले ज्‍यादातर जवान या तो पिछड़ी जाति के थे या फिर गरीब तबके से आते थे। इस रिपोर्ट की पूरे देश में आलोचना हो रही है और रिपोर्ट को एजाज अशरफ नामक जर्नलिस्‍ट की ओर से लिखा गया है।

सभी जवान भारतीय

सभी जवान भारतीय

शुक्रवार को सीआरपीएफ के मुखिया मोसेज दिनाकरण की ओर से बयान जारी कर रिपोर्ट पर फटकार लगाई गई है। उन्‍होंने अपने बयान में कहा है, 'धर्म, जाति और रंग के आधार पर मतभेद करना काफी दयनीस बात है। इस तरह का भेदभाव सीआरपीएफ जवानों के खून में नहीं है और वे सभी खुद को एक भारतीय मानते हैं।' उन्‍होंने आगे कहा, 'जवानों का इस तरह से अपमान करने से सभी को बचना चाहिए। वह आपके बिना अर्थ वाले आर्टिकल को मजबूती देने वाली संख्‍या नहीं हैं।'

हर जवान के बैकग्राउंड के बारे में दी जानकारी

हर जवान के बैकग्राउंड के बारे में दी जानकारी

मैगजीन में लिखा है, '40 जवान मुख्‍य रूप से निचली जाति से आते थे। 19 जवान ओबीसी, सात एससी, पांच एसटी, चार अपर कास्‍ट, एक उच्च वर्ग के बंगाली, तीन जाट सिख और एक मुसलमान थे। यानी 40 में से सिर्फ पांच जवान ही उच्‍च जाति के यानी 12.5 प्रतिशत जवान ही उच्‍च हिंदू जाति के थे।' आर्टिकल की हेडलाइन थी, 'अर्बन अपर-कास्‍ट्स ड्राइविंग हिंदुत्‍व नेशनलिज्‍म हैव लिटिल रिप्रजेंटेशन एमंग पुलवामा स्‍लेन जवान्‍स।' इस आर्टिकल में लिखा था, 'मैं 40 जवानों के बैकग्राउंड का पता किया और और उनके परिवार वालों से उस नंबर पर बात की जो सीआरपीएफ के पास रजिस्‍टर्ड था।'

आरक्षण तक का जिक्र

आरक्षण तक का जिक्र

40 जवानों की जाति और उनका बैकग्राउंड बताने के बाद आर्टिकल के राइटर ने लिखा है, 'राजपूत और मुसलमान जवानों को अगर बाहर कर दिया जाए यानी सिर्फ आठ या सिर्फ 20 प्रतिशत जवान ही ऐसे थे जिनका चयन जनरल कैटेगरी कोटा के तहत हुआ था।' पुलवामा आतंकी हमले को पाकिस्‍तान स्थित जैश-ए-मोहम्‍मद आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था। इस हमले के बाद जैश ने खुद मैसेज भेजकर इसकी जिम्‍मेदारी ली थी।

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English summary
CRPF has slammed The Caravan magazine report for listing martyrs by casts.
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