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पुलवामा में इस बार निशाने पर थे 400 जवान, रात को 2:30 मिला इनपुट और फिर ऐसे नाकाम हुई आतंकियों की साजिश

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पुलवामा। पुलवामा में गुरुवार को जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस, सेना और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की चौकसी से फरवरी 2019 जैसे आत्‍मघाती हमला टल गया। आखिर क्षणों में सुरक्षाबलों को मिली इंटेलीजेंस ने आतंकियों के बड़े आतंकी हमले की योजना को फेल कर दिया। देर रात करीब 2:30 बजे पुलिस को एक ऐसी कार के बारे में इंटेल मिली थी कि विस्‍फोटकों से लदी एक कार इलाके की तरफ बढ़ रही है। जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के मुताबिक जिस इलाके की तरफ यह सैंट्रो कार आ रही थी वहां पर सीआरपीएफ की 183वीं बटालियन के दो कैंप और एक कैंप सेना की राष्‍ट्रीय राइफल का है।

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3 से 4 किलोमीटर के दायरे में हैं कैंप

3 से 4 किलोमीटर के दायरे में हैं कैंप

जिन कैंप्‍स को आतंकियों ने इस बार निशाना बनाने के लिए चुना था, वो काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशंस में काफी हैं। ये कैंप्‍स बस तीन से चार किलोमीटर के दायरे में ही स्थित हैं। इन कैंपों में 400 के करीब ऑफिसर और जवान हर पल मौजूद रहते हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्‍मद फरवरी 2019 में हुए हमलों की तर्ज पर यहां हमले के जरिए सुरक्षाबलों को कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़ी चोट देने की फिराक में थे। सही समय पर मिली इंटलीजेंस और पुलिस की मुस्‍तैदी ने एक बड़ा हमला आखिरी पलों में टालने में कामयाबी हासिल की है।

कार पर बीएसएफ जवान की स्‍कूटर का नंबर

कार पर बीएसएफ जवान की स्‍कूटर का नंबर

जो कार बरामद हुई है उस पर जो नंबर प्‍लेट लगी है वह बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवान की स्‍कूटर की है जो कठुआ में रजिस्‍टर है। इंटेलीजेंस मिलते ही जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), राष्‍ट्रीय राइफल्‍स और सीआरपीएफ की 182 और 183वीं बटालियन ने पुलवामा की तरफ जाने वाले सभी रास्‍तों को सुरक्षित किया और चेकप्‍वाइंट्स बनाए। अधिकारियों के मुताबिक उन्‍हें इस बात की जानकारी दी गई थी कि हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी एक सफेद सैंट्रो कार जिसमें विस्‍फोटक हैं, उसके साथ आगे बढ़ रहा है।

इस बार भी हमले के लिए चुना गया आदिल

इस बार भी हमले के लिए चुना गया आदिल

जो इंटेलीजेंस ऑफिसर्स को मिली थी उसमें इस बात की पुष्‍ट जानकारी थी कि आतंकी जवानों को निशाना बनाने या फिर विस्‍फोटको से लदी इस कार को सुरक्षाबलों के कैंप में दाखिल कर विस्‍फोट कराने के इरादे से आगे बढ़ रहा है। कार में 40 से 45 किलोग्राम तक अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रोग्लिसरीन था। इस कार को पुलवामा के राजपोरा के अयानगुंड में देखा गया था। जो आतंकी कार को चला रहा था वह भाग चुका है। उसका नाम आदिल है और उस पर पांच लाख रुपए का इनाम है। दिलचस्‍प बात है कि पुलवामा 2019 में जो हमलावर था उसका नाम भी आदिल था।

14 फरवरी को शहीद हुए थे 40 जवान

14 फरवरी को शहीद हुए थे 40 जवान

14 फरवरी 2019 को आदिल ने जिस हमले को अंजाम दिया था उसकी साजिश जैश ने तैयार की थी और उसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। कार को गिरफ्त में लेते ही तड़के घरों को खाली कराया गया। जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के डीआईजी दिलबाग सिंह ने कहा है कि शुरुआत में लगा था मानों हमले की साजिश लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश ने बनाई हो। मगर यह लश्‍कर और हिजबुल का ज्‍वॉइन्‍ट ऑपरेशन था जिसका केंद्र पाकिस्‍तान में है।

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English summary
CRPF’s 183rd battalion's 2 camps and one camp of Indian Army's Rashtriya Rrifles were on target in Pulwama.
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